एलटी शिक्षकों की भर्ती में जेडी कर रहे मनमानी
लखनऊ। राजकीय व बालिका इंटर कॉलेजों में प्रशिक्षित शिक्षक (एलटी) भर्ती में मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक मनमानी कर रहे हैं। इसके चलते जीआईसी व जीजीआईसी की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षकों के रिक्त पदों को भरा जाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। इसके बाद भी निदेशालय व संयुक्त शिक्षा निदेशकों के ढीले-ढाले रवैये से निर्धारित समय सीमा तीन माह के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं सकी है। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमर नाथ वर्मा को भेजे निर्देश में कुछ इस तरह की नाराजगी जताई है। उन्होंने 30 सितंबर तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा है कि जीआईसी व जीजीआईसी में 6,645 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को भर्ती की जिम्मेदारी दी गई। भर्ती प्रक्रिया के लिए तीन माह की समय-सीमा तय की गई। इसके बाद भी इसका पालन नहीं किया गया। अधिकांश संयुक्त शिक्षा निदेशकों के स्तर पर नियुक्ति संबंधी पूरी प्रक्रिया और इससे आंकड़े वेबसाइड पर अपलोड नहीं किया गया। पहली कांउसलिंग के बाद एक ही अभ्यर्थी का चयन कई-कई मंडलों में हो गया है।
इसमें से किसी एक मंडल के अभ्यर्थी के कार्यभार ग्रहण करने के बाद भी कोई ऐसी व्यवस्था नहीं की गई जिससे अन्य मंडलों के संयुक्त शिक्षा निदेशकों को इसकी जानकारी मिल सके।इसके चलते ऐसे अभ्यर्थियों का नाम दूसरे मंडलों से नहीं हटाया गया और वहां भी उसका नाम बना हुआ है। अधिकतर मंडलों में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति में संयुक्त शिक्षा निदेशकों मनमानी कर रहे हैं।
इसके लिए ऐसा कोई डाटा विकसित नहीं किया गया, जिससे मंडल के सभी स्कूलों में छात्र संख्या के आधार पर नियुक्ति के बाद शिक्षकों को तैनाती दी जा सके। प्रत्येक मंडल में शिक्षक नियुक्ति की प्रगति भी अलग-अलग है।
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