प्रशिक्षण पूरा होने के बाद भी नहीं मिला मानदेय
मैनपुरी। 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत चयनित प्रशिक्षु शिक्षकों ने बुधवार को बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इसके बाद बीएसए को ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा कि छह माह का प्रशिक्षण पूरा करने के बद भी उन लोगों को मानदेय नहीं दिया गया है। उन्होंने बीएसए से शीघ्र ही मानदेय दिलाने की मांग की है। बीएसए ने एक सप्ताह के अंदर मानदेय दिलाने का आश्वासन दिया।
प्रशिक्षु शिक्षक योगेंद्र सिंह ने कहा कि उनका तीन माह का क्रियात्मक और तीन माह का सैद्धांतिक प्रशिक्षण 20 जुलाई को पूर्ण हो गया है। इस प्रशिक्षण के लिए उन्हें 7300 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिए जाने के आदेश थे। केवल उन्हीं पांच शिक्षकों को मानदेय मिला है जिन्हें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिया है। इसके अलावा किसी भी प्रशिक्षु को मानदेय नहीं मिला है। इससे प्रशिक्षु आर्थिक तंगी के कारण परेशान हैं। प्रशिक्षुओं ने कहा कि शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उप्र प्रशिक्षण के बाद मौलिक नियुक्ति के स्थान पर परीक्षा कराने की तैयारी कर रही है। जबकि विज्ञान और शासनादेश में परीक्षा का कोई उल्लेख नहीं है। हमारे प्रशिक्षण का मूल्यांकन इस आधार पर किया है कि सेवा बाधित न हो। क्योंकि सेवा में आने के बाद ऐसी किसी खुली प्रतियोगिता का आयोजन नहीं किया जा सकता। बीएसए से मानदेय दिलाने और मौलिक नियुक्ति करने की मांग की है। इस मौके पर विनीत तिवारी, दिव्यांशु, विपिन, नरेश, मुवीन, अंकिता, संगीता, सुनीता, मनोज मिश्रा, स्वेता, विनीता, अमित दुबे, कमल पांडेय आदि मौजूद थे।
प्रशिक्षु शिक्षक योगेंद्र सिंह ने कहा कि उनका तीन माह का क्रियात्मक और तीन माह का सैद्धांतिक प्रशिक्षण 20 जुलाई को पूर्ण हो गया है। इस प्रशिक्षण के लिए उन्हें 7300 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिए जाने के आदेश थे। केवल उन्हीं पांच शिक्षकों को मानदेय मिला है जिन्हें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिया है। इसके अलावा किसी भी प्रशिक्षु को मानदेय नहीं मिला है। इससे प्रशिक्षु आर्थिक तंगी के कारण परेशान हैं। प्रशिक्षुओं ने कहा कि शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उप्र प्रशिक्षण के बाद मौलिक नियुक्ति के स्थान पर परीक्षा कराने की तैयारी कर रही है। जबकि विज्ञान और शासनादेश में परीक्षा का कोई उल्लेख नहीं है। हमारे प्रशिक्षण का मूल्यांकन इस आधार पर किया है कि सेवा बाधित न हो। क्योंकि सेवा में आने के बाद ऐसी किसी खुली प्रतियोगिता का आयोजन नहीं किया जा सकता। बीएसए से मानदेय दिलाने और मौलिक नियुक्ति करने की मांग की है। इस मौके पर विनीत तिवारी, दिव्यांशु, विपिन, नरेश, मुवीन, अंकिता, संगीता, सुनीता, मनोज मिश्रा, स्वेता, विनीता, अमित दुबे, कमल पांडेय आदि मौजूद थे।
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