बीपीएड भर्ती प्रक्रिया में खुलासा
लखनऊ : बीपीएड अनुदेशक के पद पर भर्ती प्रक्रिया में लखीमपुर खीरी में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। यहां 47 लोगों ने लखनऊ यूनिवर्सिटी, केकेसी और क्रिश्चियन समेत कई कॉलेजों की फर्जी मार्कशीट और डिग्री लगाकर बीपीएड अनुदेशक के पद पर आवेदन कर रखा था। इनका चयन भी हो गया था और शुक्रवार को इन्हें नियुक्ति पत्र मिलने वाला था। इससे पहले ही वेरीफिकेशन के दौरान गुरुवार को फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। इनमें 10 लड़कियां भी हैं। एलयू परीक्षा नियंत्रक ने बीएसए लखीमपुर ओपी राय से मामले की जांच करवाने की संस्तुति की है। हालांकि बीएसए राय ने फिलहाल मामले की जानकारी होने से इनकार कर दिया।
जूनियर हाईस्कूलों में बीपीएड अनुदेशक के पदों पर भर्ती 2013 में शुरू की गई थी। लखीमपुर खीरी जिले में भी 423 पदों पर अंशकालिक बीपीएड अनुदेशकों की नियुक्ति होनी है। चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांच के लिए विभाग ने कई विश्वविद्यालयों को भेजे थे। इसमें 70 के करीब अभ्यर्थियों के दस्तावेज एलयू आए थे। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने जांच में 1999 से 2007 के बीच विभिन्न वर्षों की एलयू की बीए व बीपीएड की फर्जी डिग्रियां पकड़ीं। 47 अभ्यर्थियों ने बीपीएड की फर्जी डिग्री लगाई थी। इनमें से 45 की तो बीए की भी डिग्री फर्जी मिली।
जूनियर हाईस्कूलों में बीपीएड अनुदेशक के पदों पर भर्ती 2013 में शुरू की गई थी। लखीमपुर खीरी जिले में भी 423 पदों पर अंशकालिक बीपीएड अनुदेशकों की नियुक्ति होनी है। चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांच के लिए विभाग ने कई विश्वविद्यालयों को भेजे थे। इसमें 70 के करीब अभ्यर्थियों के दस्तावेज एलयू आए थे। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने जांच में 1999 से 2007 के बीच विभिन्न वर्षों की एलयू की बीए व बीपीएड की फर्जी डिग्रियां पकड़ीं। 47 अभ्यर्थियों ने बीपीएड की फर्जी डिग्री लगाई थी। इनमें से 45 की तो बीए की भी डिग्री फर्जी मिली।
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