शिक्षा निदेशालय ने नियमावली में संशोधन को भेजा प्रस्ताव
इलाहाबाद:प्रदेश में एलटी ग्रेड (स्नातक) शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में व्यापक बदलाव होने जा रहा है। अभी मंडल स्तर पर हो रही नियुक्ति आगे से राज्य स्तर पर होगी। संयुक्त शिक्षा निदेशकों से यह कार्य छीनकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक व अपर निदेशक को सौंपा जाना तय हो गया है। शिक्षा निदेशालय ने नियमावली में बदलाव के लिए संशोधन प्रस्ताव भेज दिया है। जल्द ही इस पर शासन की मुहर लगने की उम्मीद है। राजकीय कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती अब तक मंडल स्तर पर होती रही है। सभी 18 मंडलों की ओर से विज्ञापन जारी होने पर युवा चयनित मंडलों में आवेदन करते थे। इन दिनों एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। वह अब तक पूरी न होने से अफसरों ने जो सबक सीखे हैं, उसको आधार बनाकर
प्रक्रिया में अहम बदलाव होने जा रहा है। नियमावली में संशोधन भर्ती को मंडल स्तर से बदलकर राज्य स्तर पर करना है। यानी संयुक्त शिक्षा निदेशक आगे से इस नियुक्ति की कमान नहीं संभाल सकेंगे, बल्कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक व अपर निदेशक को जिम्मेदारी दी जा रही है। वजह यह है कि मंडल स्तर पर नियुक्ति के बाद यदि शिक्षकों का दूसरे मंडल में तबादला करना होता था तब वह जूनियर हो जाते थे, अब राज्य स्तर पर भर्ती से उनकी वरिष्ठता भी राज्य स्तर की होगी। साथ ही जूनियर होने का कोई खतरा नहीं रहेगा। दूसरा कारण मंडलों में आवेदन करने वाले मेधावी युवाओं का चयन सभी जगहों पर हो जाता था और वह एक जगह ही कार्यभार ग्रहण करते थे। इससे नियुक्ति प्रक्रिया में काफी विलंब होता रहा है और बहुत धीमी गति से मेरिट गिरती थी। राज्य स्तर पर मेरिट बनने से इस समस्या से भी मुक्ति मिलेगी। तीन विषयों की अर्हता बदली :नियुक्ति के लिए नियमावली में संशोधन करने के साथ ही एलटी ग्रेड शिक्षकों के तीन विषयों की अर्हता यानी योग्यता बदल रही है। इसमें कला (आर्ट) के लिए अब बीए फाइन आर्ट एवं बीएड की योग्यता हो गई है। ऐसे ही शारीरिक शिक्षा में अब बीपीएड व बीएड और संगीत (गायन, नृत्य व वादन) बीए संगीत के साथ व बीएड ही योग्यता तय हुई है। पुरानी अर्हताएं संशोधन के साथ खत्म होंगी।
परीक्षा नहीं मेरिट से होगा चयन :एलटी ग्रेड शिक्षकों के चयन के लिए परीक्षा का आयोजन नहीं होगा। प्रस्ताव है कि मेरिट के आधार पर ही अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। तैयारी है कि इसके लिए एजेंसी का सहारा लिया जाए और वह पूरी नियुक्ति कराएगी। नियमावली में संशोधन होने के बाद नई भर्तियां भी निकाली जाएंगी, क्योंकि राजकीय कालेजों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
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