जीआईसी में सहायक अध्यापकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा
इलाहाबाद । प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों (जीआईसी-जीजीआईसी) में अध्यापकों (एलटी ग्रेड) की भर्ती पर सत्यापन का पेच फंस गया है। पहली एवं दूसरी काउंसलिंग में दावेदारी करने वाले अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग से पहले उनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जाना है। चयन के बाद बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी मिली है। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने सभी चयनितों के प्रमाण पत्रों की जांच कराए जाने का आदेश दिया है। साथ ही फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश भी दिया गया है।
जीआईसी-जीजीआईसी में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए 2014 में पदों की घोषणा की गई थी।
भर्ती मेरिट के आधार पर होने के कारण देश के अन्य से राज्यों के कम चर्चित बोर्ड से परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी तो चयनित हो गए, परंतु पूर्व में नंबर देने में कंजूस यूपी बोर्ड से परीक्षा पास करने वालों का चयन नहीं हुआ। इस भर्ती में चयनित 70 फीसदी से अधिक चयनित दूसरे राज्यों से बोर्ड परीक्षा पास करने वाले हैं। इसके साथ ही चयनित अभ्यर्थियों ने आगरा, लखनऊ, कानपुर सहित दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों का स्नातक एवं बीएड का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया। संयुक्त शिक्षा निदेशक महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रमाण पत्रों में बड़े पैमाने पर अनियमितता के बाद निदेशक की ओर से अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद ही ज्वाइनिंग देने को कहा गया है।जीआईसी-जीजीआईसी में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए 2014 में पदों की घोषणा की गई थी।
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