Saturday, 28 November 2015

UPTET 2015 Exam:टीईटी में अहम होंगे गणित के सवाल

टीईटी में अहम होंगे गणित के सवाल


इलाहाबाद : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2015 का एलान होते ही सारा दारोमदार परीक्षा की तैयारी पर आकर टिक गया है। परीक्षा में शामिल होने की अर्हता भले ही स्नातक है, लेकिन टीईटी में सवाल इंटरमीडिएट स्तर के ही पूछे जाने हैं। उसमें गणित एवं पर्यावरण विज्ञान के सवाल खासे अहम होंगे और उन्हीं के दम पर टीईटी की मेरिट में अभ्यर्थी का स्थान ऊपर या फिर नीचे होगा। राहत की बात यह है कि परीक्षा में माइनस मार्किंग (ऋणात्मक अंक) नहीं दिए जाएंगे। ऐसे में गलत जवाब देने पर भी सही प्रश्नों के अंक कम नहीं होंगे। 1लंबी जद्दोजहद के बाद यूपी टीईटी की परीक्षा दो महीने बाद होने जा रही है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से आवेदन पत्र का प्रारूप जारी होने के साथ ही परीक्षा के नियम-निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसमें स्पष्ट है कि परीक्षा इस बार भी 150 अंकों की होगी, जिसे 150 मिनट
में ही करना होगा। सभी सवाल चार विकल्प वाले यानी बहुविकल्पीय होंगे। टीईटी परीक्षा प्राथमिक एवं जूनियर स्तर के लिए अलग-अलग हो रही है। इसमें बाल विकास एवं शिक्षण विधि, भाषा प्रथम व भाषा द्वितीय, गणित एवं पर्यावरण अध्ययन के 30-30 सवाल पूछे जाएंगे। दोनों परीक्षाओं में पांच खंड ही होंगे, जूनियर स्तर की परीक्षा में केवल यह बदलाव किया गया है कि गणित व विज्ञान शिक्षक के लिए संबंधित विषय की परीक्षा देनी होगी, बाकी अभ्यर्थियों को सिर्फ सामाजिक अध्ययन के 60 सवालों का जवाब देना होगा। 1हर सवाल का जवाब एक मिनट में देना है ऐसे में आम तौर पर अभ्यर्थी शिक्षण विधि, भाषा आदि के सवाल आसानी से कर लेते हैं, लेकिन गणित व पर्यावरण अध्ययन के सवाल जरूर परेशान करते हैं। यही नहीं इन्हीं दोनों विषयों के सवाल ही टीईटी की मेरिट भी निर्धारित करते हैं। खास बात यह है कि प्राथमिक एवं जूनियर स्तर की परीक्षा में सभी सवाल इंटर स्तर के होंगे, लेकिन उसमें भी अंतर उम्र का रखा गया है। निर्देशिका में कहा गया है कि प्राथमिक की परीक्षा में 6 से 11 वर्ष एवं जूनियर की परीक्षा में 11 से 14 वर्ष तक के बच्चों को ध्यान में रखकर समस्या समाधान एवं शिक्षण विधियों के प्रश्न होंगे। पिछली परीक्षा में अधिकांश अभ्यर्थियों को कुछ शिक्षण विधि एवं विज्ञान व गणित के सवालों ने ही उलझाया था। स्पष्ट निर्देश यह भी है कि सामान्य वर्ग के उन्हीं अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र जारी होगा, जिन्होंने 60 फीसद या अधिक अंक हासिल किए हैं जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 55 फीसद अंक पाना होगा, तभी वह उत्तीर्ण माने जाएंगे।

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