वाइटनर का प्रयोग किया तो टीईटी से बाहर
इलाहाबाद : राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में वाइटनर का प्रयोग करने वाले अभ्यर्थियों की कापियां नहीं जंचेंगी। उन्हें परीक्षा से बाहर मान लिया जाएगा। 2011 में टीईटी में वाइटनर का प्रयोग करने वाले अभ्यर्थियों का मामला अदालत में जाने के बाद इस बार परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने पहले ही इस बारे में सचेत कर दिया है। इसके अलावा भी कई मार्गदर्शी सिद्धांत तय किए गए हैं। राज्य शिक्षक पात्रता दो फरवरी,16 को प्रस्तावित है। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है और लगभग पंद्रह लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के रजिस्ट्रार नवल किशोर ने बताया कि परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए अभ्यर्थियों की गाइडलाइन तय कर दी गई है।
किसी भी सवाल के उत्तर में परिवर्तन की गुंजाइश नहीं रहेगी। अभ्यर्थियों को सही जवाब पर टिक करने के लिए पहले सुनिश्चित होना होगा, अन्यथा उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि वाइटनर का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है। यदि किसी अभ्यर्थी ने किया तो आप्टिकल स्कैनर उक्त कापी को खुद ही रिजेक्ट कर देगा। उत्तर पत्रक विशेष प्रकार का होगा जिसे आप्टिकल स्कैनर पर स्कैन किया जाएगा। गौरतलब है कि टीईटी-2011 में हजारों अभ्यर्थियों ने वाइटनर का प्रयोग किया था और उनकी कापियां भी जांच ली गई थीं। इनमें कई सफल भी हुए थे और कुछ का चयन सहायक अध्यापक पदों पर किया भी जा चुका है। इसे अदालत में चुनौती दी गई है। गाइडलाइन के अनुसार बुकलेट की भी पूरी जिम्मेदारी अभ्यर्थी की ही होगी। यदि कोई बुकलेट कम पाई गई तो माना जाएगा कि वह अभ्यर्थी अपने साथ ले गया है और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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