सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने तलब किया रिकॉर्ड
आगरा:लंबे इंतजार और लड़ाई के बाद 72825 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो गई, लेकिन इसकी फिर से जांच होगी। प्रदेश में आगरा सहित कई जिलों में बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी सामने आए हैं, जिनके कट ऑफ से ज्यादा अंक हैं। इसके बाद भी उनका चयन नहीं हुआ है। टीईटी पास 72,825 सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मेरिट लिस्ट तैयार कर काउंसिलिंग हुई थी। इस पर अभ्यर्थियों ने उंगली उठाई है। आगरा के साढ़े तीन सौ से ज्यादा अभ्यर्थियों ने प्रत्यावेदन दिया है कि चयन के लिए जारी कटऑफ से ज्यादा उनके अंक थे। मगर इसके बाद भी उनकी नियुक्ति नहीं हुई। इसमें सामान्य वर्ग में 70 फीसद और आरक्षित वर्ग में 60 फीसद से ज्यादा अंक वाले अभ्यर्थी शामिल हैं।नियुक्ति न होने पर ऐसे अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में सिविल याचिका दायर की थी। कोर्ट ने याचिका पर बेसिक शिक्षा सचिव से रिपोर्ट मांगी है। इसके तहत ही ऐसे अभ्यर्थियों से प्रत्यावेदन मांगे थे। आगरा में 100 पदों पर नियुक्ति होनी थी, लेकिन 350 से ज्यादा ने प्रत्यावेदन दिए हैं। सचिव ने बीएसए और डायट प्राचार्य को प्रत्यावेदन देने वालों का पूरा ब्योरा भी भेजा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विभाग के हाथ पांव फूल गए हैं।
बेसिक शिक्षा सचिव को तीन दिन में बीएसए और डायट प्राचार्य को नियुक्ति प्रक्रिया की पूरी रिपोर्ट देनी है। इसमें उन्हें बताना होगा कि कितने अभ्यर्थी काउंसिलिंग में शामिल नहीं हुए। कितने ऐसे थे, जो काउंसिलिंग में उपस्थित हुए लेकिन उनका अभ्यर्थन निरस्त कर दिया। ऐसे कितने थे, जो काउंसिलिंग में आए, लेकिन चयन नहीं हुआ। कितने ऐसे थे जिनका चयन तो हुआ, लेकिन नियुक्ति पत्र नहीं लिए।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.