शिक्षा मित्रों को मानदेय तब जब साफ होगी स्थिति
शासन ने निदेशालय से हाईकोर्ट आदेश के क्रम में मांगी जानकारी
लखनऊ। शासन ने शिक्षा मित्रों को मानदेय देने के मामले में बेसिक शिक्षा निदेशालय से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। निदेशालय से इस संबंध स्पष्ट प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसमें पूछा गया है कि शिक्षा मित्रों को मानदेय देने के मामले में हाईकोर्ट के आदेश की कोई अवहेलना तो नहीं होगी। इससे साफ हो गया है कि शिक्षा मित्रों को मानदेय मिलने में अभी वक्त लग सकता है।
प्रदेश में 1.72 लाख शिक्षा मित्र हैं, इनमें से 1.37 लाख को दो वर्षीय दूरस्थ शिक्षा से बीटीसी का प्रशिक्षण देते हुए सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है। हाईकोर्ट ने 12 सितंबर 2015 को सहायक अध्यापक बनने वाले शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द कर दिया है। हालांकि, सहायक अध्यापक बनने वाले शिक्षा मित्र अभी भी स्कूलों में बच्चों को पूर्व की तरह ही पढ़ा रहे हैं।
प्रदेश में 1.72 लाख शिक्षा मित्र हैं, इनमें से 1.37 लाख को दो वर्षीय दूरस्थ शिक्षा से बीटीसी का प्रशिक्षण देते हुए सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है। हाईकोर्ट ने 12 सितंबर 2015 को सहायक अध्यापक बनने वाले शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द कर दिया है। हालांकि, सहायक अध्यापक बनने वाले शिक्षा मित्र अभी भी स्कूलों में बच्चों को पूर्व की तरह ही पढ़ा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने चेतावनी दी थी कि वह दीपावली नहीं मानाएंगे। शासन ने इसके बाद शिक्षा मित्रों को मानदेय देने की कवायद शुरू की है। शिक्षा मित्रों को मानदेय देने के लिए 11 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। शासन ने इसके आधार पर स्पष्ट प्रस्ताव निदेशालय से मांगा है।
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