विवाद सुलङो तो स्कूलों को मिलें शिक्षक
इलाहाबाद। सरकारी स्कूलों में शिक्षक भर्ती में कारण स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) और उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के नियम में समानता नहीं होने के कारण सभी भर्तियों को लेकर विवाद की स्थिति है।1.71 लाख शिक्षामित्रों को बगैर टीईटी सहायक अध्यापक बनाने पर जहां सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। वहीं दूसरी ओर नवंबर 2011 को शुरू हुई 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सुप्रीम कोर्ट के आदेश टीईटी मेरिट पर हो रही है। उच्च प्राथमिक स्कूलों में
विज्ञान और गणित विषय के 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती को लेकर भी दो साल से विवाद बना हुआ है। इसमें बीटेक, बीफार्मा, बीबीए, बीसीए जैसी प्रोफेशनल डिग्री वाले अभ्यर्थियों को शामिल करने पर कुछ अभ्यर्थी आपत्ति कर रहे हैं। कला व सामाजिक विज्ञान शिक्षकों के प्रमोशन, टीईटी में 82 नंबर पाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अवसर दिए जाने जैसे विवाद भी इससे जुड़े हुए हैं। 2014 में शुरू हुई प्राथमिक स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती भी फंसी हुई है।सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर डीएड डिग्रीधारियों को इसमें अवसर दिया जा रहा है। आयुसीमा में भी संशोधन किया गया है।
विज्ञान और गणित विषय के 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती को लेकर भी दो साल से विवाद बना हुआ है। इसमें बीटेक, बीफार्मा, बीबीए, बीसीए जैसी प्रोफेशनल डिग्री वाले अभ्यर्थियों को शामिल करने पर कुछ अभ्यर्थी आपत्ति कर रहे हैं। कला व सामाजिक विज्ञान शिक्षकों के प्रमोशन, टीईटी में 82 नंबर पाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अवसर दिए जाने जैसे विवाद भी इससे जुड़े हुए हैं। 2014 में शुरू हुई प्राथमिक स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती भी फंसी हुई है।सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर डीएड डिग्रीधारियों को इसमें अवसर दिया जा रहा है। आयुसीमा में भी संशोधन किया गया है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.