डायट इलाहाबाद में दस्तावेजों की जांच में पकड़े गए 12 बीटीसी प्रशिक्षु
बीटीसी-2013 में फर्जी अंकपत्र लगाकर प्रवेश
इलाहाबाद। जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में बीटीसी-2013 के प्रवेश में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। डायट इलाहाबाद में बीटीसी प्रशिक्षण ले रहे 12 प्रशिक्षुओं को जांच के दौरान फर्जी प्रमाण पत्र लगाने के आरोप में पकड़ा गया है। डायट प्राचार्य ने इन सभी प्रशिक्षुओं का प्रवेश निरस्त कर दिया है। प्रवेश निरस्त करने केसाथ डायट की ओर से फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाने का भी फैसला किया गया है। डायट इलाहाबाद में इससे पहले भी बीटीसी-2013 के प्रमाण
पत्रों के सत्यापन में आठ प्रशिक्षुओं के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। यह सभी प्रशिक्षु लखनऊ विवि से नंबर बढ़ाकर अंकपत्र तैयार करवाकर प्रवेश पाने में सफलता हासिल की थी। इन सभी प्रशिक्षुओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी। महीने भर के भीतर एक बार फिर से डायट प्राचार्य ने जांच करवाकर एक दर्जन प्रशिक्षुओं को फर्जी अंकपत्र लगाने के आरोप में पकड़ा है।इन प्रशिक्षुओं ने बिहार, मध्य प्रदेश सहित पूर्वोत्तर के कुछ विवि से जाली प्रमाण पत्र तैयार करवाए थे। प्रमाण पत्रों की जांच के बाद चौकाने वाले परिणाम सामने आए। फर्जीवाड़ा करने वाले प्रशिक्षुओं में छात्राएं भी शामिल हैं। बीटीसी प्रवेश परीक्षा का आयोजन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से कराया जाता है। परीक्षा नियामक ही अभ्यर्थियों की मेरिट तैयार करके उसे प्रदेश के सभी डायट एवं निजी बीटीसी कॉलेजों के पास प्रवेश के लिए भेजता है। मेरिट में फर्जीवाड़ा करने वालों की जांच का जिम्मा भी परीक्षा नियामक प्राधिकारी को कराना चाहिए। इसके विपरीत परीक्षा नियामक इस मामले में मौन साधे हुए हैं।
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