आठवें चरण की काउंसलिंग के परिणाम पर रोक
29334 सहायक अध्यापकों की भर्ती का मामला
इलाहाबाद । जूनियर हाईस्कूलों में गणित-विज्ञान के 29334 सहायक अध्यापकों की भर्ती के मामले में हाईकोर्ट ने आठवें चरण की काउंसलिंग का परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि जब तक सातवें चरण की काउंसलिंग में चयनित अभ्यर्थियों को समायोजित नहीं कर दिया जाता है, आठवें चरण का परिणाम घोषित नहीं किया जाए। हालांकि काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी रखने की छूट दी है। सीता राम और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई
करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिरला ने दिया है। प्रदेश सरकार को 28 सितंबर को अपना जवाब दाखिल करने और पदों की संख्या बताने का निर्देश दिया है। याची के वकील अनूप त्रिवेदी, विभु राय का कहना था कि प्रदेश सरकार ने सातवें चरण की काउंसलिंग को अंतिम चरण बताया था। इसमें टीईटी परीक्षा में 82 अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। अभी सातवें चरण की काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी भी नहीं हुई है कि सरकार ने 17 जून 2015 को शासनादेश जारी कर आठवें चरण की काउंसलिंग भी प्रारंभ कर दी। इसमें भी 82 अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। वकीलों की दलील थी कि इसका असर यह होगा कि जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में आवेदन नहीं किया था, उनको भी अवसर मिल जाएगा। इसमें अधिक अंक वाले भी हो सकते हैं, जिससे याचीगणों को बाहर कर अधिक अंक वालों को शामिल कर लिया जाएगा। इससे याचीगणों का हित प्रभावित होगा। दूसरे अब पद रिक्त नहीं रह गए हैं तो बिना पदोें के किस प्रकार से आठवें चरण की काउंसलिंग कराई जा रही है। कोर्ट ने याची की दलीलों को स्वीकार करते हुए आठवें चरण की काउंसलिंग के परिणाम पर रोक लगा दी है।
करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिरला ने दिया है। प्रदेश सरकार को 28 सितंबर को अपना जवाब दाखिल करने और पदों की संख्या बताने का निर्देश दिया है। याची के वकील अनूप त्रिवेदी, विभु राय का कहना था कि प्रदेश सरकार ने सातवें चरण की काउंसलिंग को अंतिम चरण बताया था। इसमें टीईटी परीक्षा में 82 अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। अभी सातवें चरण की काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी भी नहीं हुई है कि सरकार ने 17 जून 2015 को शासनादेश जारी कर आठवें चरण की काउंसलिंग भी प्रारंभ कर दी। इसमें भी 82 अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। वकीलों की दलील थी कि इसका असर यह होगा कि जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में आवेदन नहीं किया था, उनको भी अवसर मिल जाएगा। इसमें अधिक अंक वाले भी हो सकते हैं, जिससे याचीगणों को बाहर कर अधिक अंक वालों को शामिल कर लिया जाएगा। इससे याचीगणों का हित प्रभावित होगा। दूसरे अब पद रिक्त नहीं रह गए हैं तो बिना पदोें के किस प्रकार से आठवें चरण की काउंसलिंग कराई जा रही है। कोर्ट ने याची की दलीलों को स्वीकार करते हुए आठवें चरण की काउंसलिंग के परिणाम पर रोक लगा दी है।
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