प्रमोशन के लिए टीचर्स को करनी होगी मेहनत
एलयू : कार्यपरिषद ने यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के नए प्रमोशन रूल्स को मंजूरी दे दी। परिनियम के इसे शामिल करने के लिए कार्यपरिषद ने प्रस्ताव को कुलाधिपति को भेजने का फैसला किया। इसके तहत टीचर्स को रिसर्च पेपर पब्लिकेशन, बुक पब्लिकेशन, प्रोजेक्ट्स, पीएचडी, सेमिनार व एडमिनिस्ट्रेटिव एक्टीविटीज में सभी पर फोकस करना पड़ेगा।
अभी तक यूनिवर्सिटी में करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत शिक्षकों के प्रमोशन यूजीसी रेगुलेशन 2010 के प्रावधानों के तहत होते थे। इसके तहत प्रमोशन के लिए एकेडमिक परफॉर्मेंस इंडिकेटर (एपीआई) के जरूरी स्कोर जुटाने पर प्रमोशन मिल जाता था। यूजीसी ने 2013 में प्रमोशन के नए रूल्स को मंजूरी दी थी। इसे यूनिवर्सिटी की परिनियमावली में जोड़ा जाना था। शासन स्तर पर मंजूरी के बाद भी यह लागू नहीं हो पाया था।
सोमवार को मंजूरी के लिए इसे कार्यपरिषद में रखा गया था। नए बदलावों के तहत एपीआई कैपिंग का फॉर्म्यूला लागू होगा। इससे अब टीचर्स को सभी फील्ड्स में मेहनत कर नंबर जुटाने पड़ेंगे। एलयू व डिग्री कॉलेजों के टीचर्स को प्रमोशन के लिए अकादमिक व प्रशासनिक कामकाज करने पड़ेंगे।
अभी तक यूनिवर्सिटी में करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत शिक्षकों के प्रमोशन यूजीसी रेगुलेशन 2010 के प्रावधानों के तहत होते थे। इसके तहत प्रमोशन के लिए एकेडमिक परफॉर्मेंस इंडिकेटर (एपीआई) के जरूरी स्कोर जुटाने पर प्रमोशन मिल जाता था। यूजीसी ने 2013 में प्रमोशन के नए रूल्स को मंजूरी दी थी। इसे यूनिवर्सिटी की परिनियमावली में जोड़ा जाना था। शासन स्तर पर मंजूरी के बाद भी यह लागू नहीं हो पाया था।
सोमवार को मंजूरी के लिए इसे कार्यपरिषद में रखा गया था। नए बदलावों के तहत एपीआई कैपिंग का फॉर्म्यूला लागू होगा। इससे अब टीचर्स को सभी फील्ड्स में मेहनत कर नंबर जुटाने पड़ेंगे। एलयू व डिग्री कॉलेजों के टीचर्स को प्रमोशन के लिए अकादमिक व प्रशासनिक कामकाज करने पड़ेंगे।
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