बच्चों की पढ़ाई छोड़ सड़क पर उतरेंगे शिक्षामित्र
कन्नौज : परिषदीय विद्यालयों में रखे गए शिक्षामित्र अब सड़क पर उतर प्रदर्शन करने की रणनीति बना रहे हैं। इसकी मुख्य वजह प्रथम बैच के शिक्षामित्रों को तो सहायक अध्यापक पद पर समायोजित कर दिया गया, लेकिन द्वितीय बैच के 1009 शिक्षामित्रों प्रशिक्षण व परीक्षा पास करने के बावजूद समायोजन की समय सारिणी घोषित नहीं की गई है।
रविवार को सदर ब्लाक संसाधन केंद्र पर द्वितीय बैच के शिक्षामित्रों की बैठक आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता हृदेश दुबे ने की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को 3500 से 30 हजार रुपए देने का सपना पूरा किया था। इसमें प्रथम बैच के शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित भी किया जा चुका है। वहीं द्वितीय बैच के शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण व परीक्षा हो चुकी है और इसमें 1009 शिक्षामित्र पास हुए है। तीन माह का समय बीत जाने के बाद भी समायोजन की समय सारिणी घोषित नहीं की गई है। बेसिक शिक्षा सचिव द्वारा इसमें लेटलतीफी की जा रही है। उन्होंने कहा कि 27 मार्च तक समायोजन सूची जारी न होने पर शिक्षामित्र सड़क पर प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। महेन्द्र यादव ने कहा कि उच्चाधिकारी शिक्षामित्र को अध्यापक नहीं बनना चाहते हैं। वसंत शुक्ला ने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों पर मेहरबान है, लेकिन उच्चाधिकारी हम लोगों को भविष्य चौपट करने में लगे हुए हैं। बाद में शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता दोहरे को सौंपा। इस मौके पर शमीम बानो, सामिना देवी, मोहिनी त्रिपाठी, कुसुम देवी, ललिता यादव, रामवरन, कौशल कटियार, रघुवीर, चमन कुशवाहा समेत शिक्षामित्र मौजूद रहे।
रविवार को सदर ब्लाक संसाधन केंद्र पर द्वितीय बैच के शिक्षामित्रों की बैठक आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता हृदेश दुबे ने की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों को 3500 से 30 हजार रुपए देने का सपना पूरा किया था। इसमें प्रथम बैच के शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित भी किया जा चुका है। वहीं द्वितीय बैच के शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण व परीक्षा हो चुकी है और इसमें 1009 शिक्षामित्र पास हुए है। तीन माह का समय बीत जाने के बाद भी समायोजन की समय सारिणी घोषित नहीं की गई है। बेसिक शिक्षा सचिव द्वारा इसमें लेटलतीफी की जा रही है। उन्होंने कहा कि 27 मार्च तक समायोजन सूची जारी न होने पर शिक्षामित्र सड़क पर प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। महेन्द्र यादव ने कहा कि उच्चाधिकारी शिक्षामित्र को अध्यापक नहीं बनना चाहते हैं। वसंत शुक्ला ने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों पर मेहरबान है, लेकिन उच्चाधिकारी हम लोगों को भविष्य चौपट करने में लगे हुए हैं। बाद में शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता दोहरे को सौंपा। इस मौके पर शमीम बानो, सामिना देवी, मोहिनी त्रिपाठी, कुसुम देवी, ललिता यादव, रामवरन, कौशल कटियार, रघुवीर, चमन कुशवाहा समेत शिक्षामित्र मौजूद रहे।
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