शिक्षकों की तैनाती में खेल पर खफा हुए मुख्यमंत्री
बरेली: जिले के बेसिक स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती के नाम पर हुए बड़े खेल की शिकायत पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने मेल पर मिली शिकायत को मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को भेजकर पूरी जांच रिपोर्ट तलब की है। स्कूलों की सूची के साथ भेजी शिकायत में कहा गया है कि शहर से सटे और सुविधा वाले स्कूलों में सेटिंग गेटिंग से शिक्षकों की भरमार लगा दी गई और तमाम स्कूलों में ज्यादा बच्चे होने के बावजूद एक भी शिक्षक नहीं तैनात किए गए। मुख्यमंत्री से की शिकायत में शिरडी साईं सेवा ट्रस्ट के सुशील कुमार पाठक ने स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती में घपले के आरोप लगाए। आरटीआइ से मिली जानकारियों के आधार पर सुशील पाठक ने बताया कि बिथरीचैनपुर के जूनियर हाईस्कूल ईटऊवा बेनिराम में 89 बच्चे पढ़ते हैं, जबकि यहां पर मानक से कई गुना ज्यादा दस शिक्षक तैनात कर दिए गए हैं। इसी तरह ब्लाक के सैदपुर खजुरिया गांव के जूनियर हाईस्कूल में 93 बच्चे हैं यहां भी सात शिक्षक तैनात हैं। जबकि आरटीई के मानक के हिसाब से 210 बच्चों पर ही सात शिक्षक होने चाहिए। एक तरफ जहां इन स्कूलों में कम बच्चों पर इतने ज्यादा शिक्षक तैनात हैं वहीं दूसरी तरफ कई स्कूल ऐसे हैं जहां पर ज्यादा बच्चे हैं मगर वहां पर एक भी शिक्षक नहीं हैं। दमखोदा के गुलड़िया अता हुसैन विद्यालय में 61 बच्चे पढ़ रहे हैं मगर यहां पर एक भी शिक्षक नहीं हैं। इसी ब्लाक के सिमरा स्कूल में 56 बच्चे हैं मगर शिक्षक नहीं हैं। सुशील पाठक ने बताया कि आरटीआइ से स्कूलों में बच्चों और उसके सापेक्ष शिक्षकों की तैनाती के आंकड़े प्राप्त करने के बाद 19 नवंबर को मुख्यमंत्री से मेल के जरिए जिले के बेसिक स्कूलों की बदहाली की शिकायत की थी। जिस पर 30 नवंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय ने जवाबी मेल में शिकायतों की जांच के लिए मुख्य सचिव को भेजे जाने की सूचना दी है।
सौ बच्चे एक भी शिक्षक नहीं : बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की तैनाती में बड़ा खेल किया है। मझगवां ब्लाक के बरासिरसा और स्माईलपुर गांव के प्राथमिक स्कूल में क्रमश: सौ और 107 बच्चे हैं, मगर यहां पर एक भी शिक्षक की व्यवस्था नहीं है। इसी ब्लाक के सत्तारनगर उत्तर प्राथमिक विद्यालय में 209 शिक्षकों पर सिर्फ दो शिक्षक हैं।
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