चंदा जुटा बीटीसी अभ्यर्थी इलाहाबाद रवाना
फीरोजाबाद : भले ही 15000 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई हो, लेकिन बीटीसी बैच 2011 के अभ्यर्थी भर्ती की प्रक्रिया से सहमत नहीं है तथा इसके खिलाफ न्यायालय में लड़ाई की तैयारी कर ली है। विरोध 2012 के बैच को शामिल करने का है तथा इस लड़ाई में कुछ जिलों की ओर से 2012 के बैच को शामिल न करने को आधार बनाने की तैयारी की जा रही है। मंगलवार को भी बीएसए दफ्तर पर अभिलेख वापस लेने एकत्रत हुए अभ्यर्थियों ने बैठक की तथा मौके पर ही प्रति अभ्यर्थी चंदा भी एकत्रित किया गया। फीरोजाबाद में 200 सीटे हैं। 2012 बैच को शामिल करने के बाद में प्राइवेट कॉलेज तो छोड़िए, सन 2011 में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से बीटीसी करने वाले मेधावी भी चयनित सूची में स्थान नहीं पा सके हैं। ऐसे में अभ्यर्थियों में खासा रोष है। दो दिनों की बैठक में भले ही चर्चाएं ही हुई हों, लेकिन मंगलवार को जब अभिलेख वापस लेने के लिए अभ्यर्थी बीएसए दफ्तर पर जुटे तो आगे की रणनीति पर भी गहनता से मंथन किया गया। रविवार तक प्रति अभ्यर्थी 2000 रुपये लेने की बात हो रही थी वहीं मंगलवार को यह धनराशि कम होते हुए प्रति अभ्यर्थी 1000 रुपये पर सिमट गई। मंगलवार को होने वाली बैठक में ही करीब दो दर्जन से ज्यादा अभ्यर्थियों ने धनराशि जमा करने के साथ में इस लड़ाई में अपनी सहभागिता प्रकट कर दी। सूत्रों की माने तो धनराशि एकत्रित होने के बाद एक प्रतिनिधि मंडल भी इलाहाबाद के लिए रवाना हो गया है। नई रिट करेंगे या पुरानी रिट का सहयोग एक असमंजस की स्थिति अभी भी बनी हुई है। अभ्यर्थियों की ओर से अपनी मांग को लेकर रिट डाली जाएगी या पहले से पड़ी रिट को ही मजबूती दी जाएगी। इस संबंध में जब इलाहाबाद जा रहे एक अभ्यर्थी से पूछा तो उन्होंने कहा इलाहाबाद के साथियों ने रिट डाली है, पहले हम देखेंगे उनकी रिट का आधार क्या है। अगर उनकी रिट प्रभावी होगी तो हम उन्हें आर्थिक सहयोग करेंगे। अन्यथा नई रिट डाल कर अपना पक्ष मजबूत करेंगे
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