बीएड फर्जीवाड़े में सबसे बड़ी कार्रवाई
आगरा : डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड फर्जीवाड़े में देश के शिक्षा जगत से जुड़ी सबसे बड़ी आपराधिक कार्रवाई होने जा रही है। डेढ़ साल की जांच के बाद विशेष जांच दल (एसआइटी) ने रिपोर्ट तैयार की है। इसमें दो पूर्व कुलपति, कुलसचिव, कर्मचारियों के साथ शिक्षक और कॉलेज संचालक सहित चार हजार आरोपी बनाए गए हैं। एसआइटी पूछताछ के बाद बड़े स्तर
पर गिरफ्तारी करेगी। कोर्ट के आदेश पर जून 2014 से एसआइटी द्वारा शुरू की गई बीएड सत्र 2004-05 की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसका स्वरूप चौंका रहा है। जांच अधिकारी तक हैरान हैं कि इतना बड़ा घोटाला आखिर किस तरह हो गया। विश्वविद्यालय के चार्ट से 83 कॉलेजों में बीएड में प्रवेश लेने वाले छात्रों का मिलान किया गया। इसमें 3670 रोल नंबर जनरेट (बिना पढ़े, मार्कशीट देना) के केस पकड़े गए। इनका रिकॉर्ड प्रदेश के सभी जिलों के बीएसए को भेजा गया। उनसे 2700 शिक्षकों का रिकॉर्ड मिला है, जो फर्जी मार्कशीट से नौकरी कर रहे हैं। एसआइटी का स्पष्ट मानना है कि विवि के गोपनीय चार्ट में अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना फर्जीवाड़ा नहीं हो सकता। ऐसे में तत्कालीन दो पूर्व कुलपति, पूर्व कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, परीक्षा प्रभारी के साथ चार्ट रूम, गोपनीय विभाग और बीएड विभाग के कर्मचारियों को आरोपी बनाया है। इसके अलावा 83 बीएड कॉलेजों के संचालक, उनके प्रिंसिपल और बड़ी संख्या में क्लर्क भी आरोपी बनाए गए हैं। एसआइटी द्वारा अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की जाएगी, इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
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