तो दो साल से अधिक समय में मिलेगी बीटीसी की डिग्री
कानपुर : वैसे तो बीटीसी के पाठ्यक्रम की समय सीमा दो वर्ष ही निर्धारित होती है। पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र-छात्राओं को डिग्री हासिल हो जाती है लेकिन सत्र 2015-16 में प्रवेश लेकर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को ये डिग्री दो साल से ज्यादा समय के बाद ही मिलेगी। आपको ये सुनकर हैरानी हो रही होगी लेकिन ऐसा हकीकत में है। इसका कारण सत्र के शुरु होने में सात माह की देरी है। शिक्षा विभाग के नियमानुसार प्राथमिक, माध्यमिक समेत सभी सत्रों को अप्रैल माह से शुरु किया गया। ऐसे में बीटीसी के इस सत्र की शुरुआत भी अप्रैल माह से होनी चाहिए थी लेकिन नवंबर माह होने के बावजूद सत्र शुरु न हो सका। सत्र में देरी का कारण पूछने पर अफसरों का कहना था कि काउंसिलिंग प्रक्रिया का जिले स्तर से राज्य स्तर में परिवर्तित होने के चलते ऐसा हुआ है। दरअसल पहले जो छात्र-छात्राएं
बीटीसी में काउंसिलिंग के माध्यम से प्रवेश लेते थे। उनकी जिले स्तर पर ही काउंसिलिंग कराकर सीटें भर ली जाती थीं। इससे प्रक्रिया लगभग एक बार में ही समाप्त हो जाती थी लेकिन काउंसिलिंग को स्टेट लेवल पर कर देने से छात्र-छात्राओं को एक जिले से ज्यादा जिलों का विकल्प दे दिया गया। इससे जब तक हर जिले में सीटें भर नहीं जाती। तब तक सत्र शुरु नहीं हो सकता। कानपुर की स्थिति तो ये है कि फिलहाल 2014-15 की प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करने की तैयारी अंतिम चरण पर है। ऐसे में सत्र 2015-16 की बात करना तो जल्दबाजी ही कही जाएगी लेकिन अफसरों को ये सोचने की जरुरत है कि आखिर इन छात्र-छात्राओं के भविष्य का क्या होगा, जो दो वर्षीय इस पाठ्यक्रम (बीटीसी) में दाखिला लेकर सरकारी अध्यापक बनने का ख्वाब संजो रहे हैं।
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