TET मुख्य क्राइटेरिया या नहीं, सुनवाई 7 को
असिस्टेंट टीचरों की नियुक्ति का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, यूपी में कितने टीचरों की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में टीचरों के खाली पदों पर चिंता जाहिर की है। कोर्ट ने कहा है कि वह अगली तारीख में अब इस मसले पर सुनवाई करेगी कि असिस्टेंट टीचरों की नियुक्ति के लिए टीईटी ही मुख्य क्राइटेरिया होगा या फिर टीईटी के साथ अन्य अकेडेमिक क्राइटेरिया भी होना चाहिए। क्या एनसीटीई की गाइडलाइंस मानने के लिए तमाम राज्य बाध्य हैं। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि यूपी में कुल 3.3 लाख टीचरों की जरूरत है। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह 7 दिसंबर तक बताएं कि आखिरकार यूपी में कितने टीचरों की जरूरत है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के ऑर्डर के खिलाफ यूपी सरकार की अपील पर विस्तार से सुनवाई होगी।
क्राइटेरिया में बदलाव की मांग ठुकराई:यूपी सरकार के अडिशनल एडवोकेट जनरल गौरव भाटिया ने जवाब दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहतअभी तक 43,077 टीचरों की ट्रेनिंग के बाद नियुक्ति कर दी गई है। 15 हजार अन्य की ट्रेनिंग हो रही है। सरकार को 72,825 असिस्टेंट टीचरों की भर्ती करनी है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की उस दलील को ठुकरा दिया जिसमें टीचरों की नियुक्ति के लिए बनाए गए क्राइटेरिया में बदलाव की गुहार लगाई गई थी।
शिक्षा मित्रों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में यह सवाल उठाया गया कि हाई कोर्ट के ऑर्डर के बाद करीब 1.5 लाख शिक्षा मित्र सड़क पर आ चुके हैं। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जब एसएलपी दायर की जाएगी तब वह अलग से सुनेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर एक जांच कमिटी बनाने का आदेश दिया है जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा है कि असिस्टेंट टीचर की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो क्राइटेरिया तय कर रखा है उस पर वह फिट बैठता है बावजूद इसके उसकी नियुक्ति नहीं की गई। कोर्ट ने कमिटी से कहा है कि वह तीन हफ्ते में उसकी जांच करे। जांच रिपोर्ट वेबसाइट पर डालने के लिए कहा गया है। पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जनरल कैटिगरी के 70 फीसदी मार्क्स पाने वाले आवेदकों की नियुक्ति की जाए। एससी, एसटी व ओबीसी के 65 फीसदी मार्क्स वाले आवेदकों की नियुक्ति की जाए। अदालत ने साफ किया था कि ये आदेश अंतरिम हैं।
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