29,000 जूनियर शिक्षकों का वेतन भी फंसा
लखनऊ| प्रशिक्षु शिक्षकों और शिक्षा मित्रों का वेतन पहले से कानूनी दांव-पेच में फंसा है। अब हाल ही में भर्ती हुए 29,000 जूनियर गणित-विज्ञान शिक्षकों का वेतन वेरीफिकेशन के फेर में अटक गया है। प्रदेश भर में सिर्फ पांच जिलों के बीएसए ने वेतन जारी किया है। बाकी जिलों में अभी तक वेतन के आदेश नहीं हुए हैं। इस बारे में शिक्षक संगठनों का आरोप है कि जानबूझकर बीएसए वेतन लटका रहे हैं ताकि शिक्षकों से वसूली की जा सके।
जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान के 29,334 शिक्षकों की भर्ती करीब दो महीने पहले हो गई थी। सभी को नियुक्ति पत्र मिल गए हैं लेकिन ज्यादातर जिलों में अभी वेतन जारी करने के आदेश नहीं किए गए हैं। सिर्फ सुलतानपुर, जौनपुर, एटा, उन्नाव और गोरखपुर में ही वेतन भुगतान के आदेश हुए हैं। ज्यादातर बीएसए यही हवाला दे रहे हैं कि पहले सभी दस्तावेज की जांच हो जाए, उसके बाद वेतन जारी किया जाएगा।
इस बारे में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि बीएसए जानबूझकर भ्रष्टाचार को बढ़ाने के लिए ही वेतन नहीं जारी कर रहे। कई महीने का वेतन इकट्ठा हो जाएगा तो एरियर के नाम पर शिक्षकों से वसूली होगी। उन्होंने कहा कि जो पहले से प्राइमरी के शिक्षक थे और अब जूनियर के शिक्षक बन गए हैं, उनके दस्तावेज की जांच की तो कोई जरूरत ही नहीं है। वे पहले से नौकरी कर रहे हैं और विभाग एक बार दस्तावेज की जांच करा चुका है।
जूनियर हाईस्कूलों में गणित और विज्ञान के 29,334 शिक्षकों की भर्ती करीब दो महीने पहले हो गई थी। सभी को नियुक्ति पत्र मिल गए हैं लेकिन ज्यादातर जिलों में अभी वेतन जारी करने के आदेश नहीं किए गए हैं। सिर्फ सुलतानपुर, जौनपुर, एटा, उन्नाव और गोरखपुर में ही वेतन भुगतान के आदेश हुए हैं। ज्यादातर बीएसए यही हवाला दे रहे हैं कि पहले सभी दस्तावेज की जांच हो जाए, उसके बाद वेतन जारी किया जाएगा।
इस बारे में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि बीएसए जानबूझकर भ्रष्टाचार को बढ़ाने के लिए ही वेतन नहीं जारी कर रहे। कई महीने का वेतन इकट्ठा हो जाएगा तो एरियर के नाम पर शिक्षकों से वसूली होगी। उन्होंने कहा कि जो पहले से प्राइमरी के शिक्षक थे और अब जूनियर के शिक्षक बन गए हैं, उनके दस्तावेज की जांच की तो कोई जरूरत ही नहीं है। वे पहले से नौकरी कर रहे हैं और विभाग एक बार दस्तावेज की जांच करा चुका है।
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