बीटीसी अभ्यíथयों ने जड़ा ताला
बीटीसी 2013 के प्रथम सेमेस्टर के आंतरिक मूल्यांकन में सुविधा शुल्क लेने के बाद भी 58 प्रशिक्षुओं को आपसी राजनीति के तहत फेल कर दिया गया है। इसके बाद इन प्रशिक्षुओं को डायट प्रशासन लगातार संशोधित अंक भेजने का आश्वासन देता रहा है। सोमवार को अचानक डायट प्रशासन ने संशोधित अंक भेजने से मना कर दिया। इससे नाराज होकर बीटीसी प्रशिक्षुओं ने डायट गेट में ताला जड़ दिया और डायट प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। बीटीसी प्रशिक्षुओं ने सीएम को पत्र भी भेजा है।बताया कि प्रथम सेमेस्टर के आंतरिक मूल्यांकन में उत्तीर्ण करने के लिए 2500 रुपए प्रति छात्र लिया गया था।
इसके बाद भी 58 प्रशिक्षुओं को फेल कर दिया गया है। जिससे सभी प्रशिक्षुओं का भविष्य अंधकार मय बना है। जबकि प्राचार्य एवं शिक्षकों से पुर्नविचार करने के लिए निवेदन करते आ रहे है। लगातार झूठा आश्वासन दिया जा रहा है। प्रभारी प्राचार्य रविशंकर ने 29 सितंबर को लिखित रूप से मामले की जांच करने के लिए पांच दिन का समय मांगा था। सभी लोगों ने सहमति भी दी थी। इसके बाद शिक्षकों की हठवादिता के कारण कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। इन शिक्षकों के द्वारा परीक्षा नियामक को भी गुमराह किया जाता रहा। बताया कि रुपए देने के बाद भी इन शिक्षकों ने अनुत्तीर्ण कर दिया। ये शिक्षक 20 वर्षो से कुंडली मार बैठे है। सभी प्रशिक्षुओं ने इस मामले में परीक्षा प्रभारी अनीता उत्तम एवं बीरेन्द्र यादव एवं कुछ लिपिकों को जिम्मेदार ठहराया है। कहा कि जब तक डायट प्रशासन संशोधित अंक नहीं भेजेगा तब तक धरना प्रदर्शन चलेगा।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.