शिक्षकों का मानदेय अगले बजट में
लखनऊ : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों को मानदेय भुगतान के लिए अगले बजट में इंतजाम करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों को प्रबंध तंत्र के माध्यम से भुगतान की उचित व्यवस्था कराने का दायित्व तय करेगी। वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों को सभी भुगतान चेक के जरिये कराने की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित करेगी। मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बाद माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा ने राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान पर जारी अपना आंदोलन वापस ले लिया है। निजी क्षेत्र में संचालित किए जा रहे 18 हजार वित्तविहीन माध्यमिक
विद्यालयों के शिक्षक लंबे समय से सरकार से मानदेय भुगतान की मांग करते रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि समाजवादी पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में यह वादा किया था जिसे वह पूरा नहीं कर रही है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने अप्रैल में यूपी बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन बहिष्कार किया था लेकिन मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था। मानदेय भुगतान को लेकर सरकार के ठंडे रुख को देखते हुए वित्तविहीन शिक्षकों ने महासभा के बैनर तले चार सितंबर को विधान भवन पर धरना देने का एलान किया था। धरना प्रदर्शन ने उग्र रूप धारण कर लिया था। मांग न माने जाने से नाराज वित्तविहीन शिक्षकों ने राजधानी के लक्ष्मण मेला स्थल पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। वित्तविहीन शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के बारे में मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षकों के वेतन भुगतान के बारे में आगामी बजट सत्र में सार्थक कदम उठाये जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक वातावरण मुहैया कराने के लिए तत्पर है और किसी भी कीमत पर शिक्षक और शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री की ओर से यह भरोसा दिलाए जाने पर शिक्षकों ने आंदोलन वापस ले लिया है।
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