शिक्षामित्रों ने जान दी 3 हजार ने मांगी इच्छामृत्यु
लखनऊ। सहायक अध्यापक के तौर पर समायोजन रद्द होने से संबंधित इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश भर के समायोजित शिक्षामित्र सकते में हैं। कन्नौज में फैसले से आहत एक शिक्षामित्र ने फांसी लगाकर जान दे दी। वहीं, बहराइच में एक शिक्षामित्र की सदमे से मौत हो गई। फीरोजाबाद सहित कई अन्य जिलों में भी सदमे से शिक्षामित्रों की तबियत बिगड़ने की सूचना है। इस बीच बरेली में करीब तीन हजार शिक्षामित्रों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है। आगरा, गोरखपुर, बस्ती, पीलीभीत और बदायूं समेत सूबे के कई अन्य जिलों में भी फैसले आहत शिक्षामित्रों ने सोमवार से कार्य बहिष्कार और स्कूलों में तालाबंदी करने का ऐलान किया है।
शनिवार को हाईकोर्ट ने शनिवार को प्रदेश सरकार को तगड़ा झटका देते हुए प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक बनाए गए 1.70 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था। कोर्ट ने इससे संबंधित सरकार के सभी प्रशासनिक आदेशों सहित शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने के लिए बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली में किए गए संशोधन और उन्हें दिए गए दो वर्षीय दूरस्थ शिक्षा प्रशिक्षण को भी असंवैधानिक और अवैध बताया। इस फैसले के बाद प्रदेश भर के शिक्षामित्र सदमे में आ गए। कन्नौज के तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के ऊसरि गांव निवासी बाबू सिंह ने फांसी लगाकर जान दे दी। बहराइच में हाईकोर्ट के फैसले की खबर पढ़कर सदमे में आए घनश्याम मौर्या की हार्टअटैक से मौत हो गई।
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