बीएड बेरोजगार जरूर पढ़ें, शिक्षक भर्ती का है मामला
- उत्तर प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों (जीआईसी) एवं अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में खाली प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों (एलटी ग्रेड) की भर्ती के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग दो अलग-अलग मानक अपना रहा है।
- जीआईसी में शिक्षकों का चयन सीधी भर्ती के जरिए होता है, जबकि सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों का चयन लिखित परीक्षा, साक्षात्कार के साथ शैक्षिक अंकों के आधार पर किया जाता है।
- एक ही पद के लिए दो अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया अपनाए जाने से बीएड बेरोजगारों में नाराजगी है। अभ्यर्थी इसके खिलाफ कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं। इन दोनों पदों के लिए शासन की ओर से एक ही शैक्षिक अर्हता निर्धारित है।
एलटी ग्रेड शिक्षकों की चल रही है भर्ती
- प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से राजकीय इंटर कॉलेजों (बालक, बालिका) में प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी (एलटी ग्रेड) पद पर इन दिनों भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इनके लिए शैक्षिक योग्यता संबंधित विषय में स्नातक के साथ बीएड रखा गया था।
- प्रदेश के सभी मंडलों के संयुक्त शिक्षा निदेशकों की ओर से जीआईसी के लिए शैक्षिक मेरिट के आधार पर भर्ती की गई। इस भर्ती में मेरिट में हेराफेरी के कारण कई मंडलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए दोबारा मेरिट तैयार करवाई जा रही है। इसमें इलाहाबाद एवं लखनऊ मंडल में सबसे अधिक गड़बड़ी सामने आई है।
- बीएड बेरोजगारों का कहना है कि प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती प्रदेश सरकार की ओर लिखित परीक्षा, साक्षात्कार एवं शैक्षिक अंकों के वेटेज को जोड़कर की जाती है। इसके विपरीत राजकीय इंटर कॉलेजों में शिक्षकों का चयन मात्र शैक्षिक अंकों की मेरिट के आधार पर किया जा रहा है।
- राजकीय इंटर कॉलेज एवं सहायता प्राप्त माध्यमिक शिक्षकों का पदनाम एक होने, शैक्षिक अर्हता एक होने के बाद चयन का मानक अलग-अलग रखा गया है। बीएड बेरोजगारों का कहना है कि जीआईसी में नियुक्त होने वाले शिक्षक पदोन्नति के जरिए शिक्षा विभाग में अधिकारी के पद तक पहुंच जाते हैं जबकि सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त होने वाला शिक्षक उसी पद से रिटायर हो जाता है।
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