प्रदेश में जल्द ही खत्म हो जाएंगे शिक्षक भर्ती के विवाद
इलाहाबाद :उत्तर प्रदेश में सरकारी शिक्षकों की भर्ती के विवाद खत्म होंगे। प्रदेश सरकार अब राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के शिक्षण प्रशिक्षण पाठय़क्रमों और शिक्षक भर्ती के मानकों को लागू करने जा रही है। इसके लिए शासन में गुरुवार को पहली उच्च स्तरीय बैठक हुई।दरअसल 2010 में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू होने के बाद से एनसीटीई ने शिक्षण प्रशिक्षण पाठय़क्रमों की अर्हता और शिक्षक भर्ती के नियमों में भी व्यापक बदलाव किए। उत्तर प्रदेश ने 27 जुलाई 2011 में आरटीई तो लागू कर दिया लेकिन एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 और समय-समय पर संशोधित गाइडलाइन के अनुसार अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में जरूरी बदलाव नहीं किए। जिसका नतीजा ये है कि बसपा सरकार में शुरू हुई 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती से लेकर अब तक की सभी भर्तियों में विवाद है।कोर्ट में मुकदमों की लंबी होती लिस्ट और बेरोजगार युवाओं के आक्रोश को कम करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग अब एनसीटीई के मानक लागू करने पर विचार कर रहा है ताकि भविष्य में शिक्षकों की भर्तियां बिना किसी विवाद के पूरी हो सके।लखनऊ में गुरुवार को हुई बैठक में बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा, निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह समेत अन्य अफसर मौजूद थे। तय हुआ कि एनसीटीई के वे ही मानक लागू होंगे जो यूपी के परिप्रेक्ष्य में अनिवार्य हैं।
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