बीपीएड वालों को शिक्षक बनाने के लिए चाहिए 46 हजार पद
लखनऊ। बैचलर ऑफ फिजिकल एजूकेशन (बीपीएड) वालों को शिक्षक बनाने के लिए 46,000 के करीब पद की जरूरत होगी। इतने पदों की जरूरत तब होगी, जब प्रत्येक स्कूल में एक बीपीएड वाले को शारीरिक शिक्षक के रूप में रखा जाएगा। इनके वेतन और अन्य मदों को मिलाकर सालाना करीब 1800 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में हुई बैठक में बीपीएड वालों को शिक्षक बनाने पर विचार-विमर्श के दौरान अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मुख्य सचिव अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इसकी जानकारी देंगे, इसके बाद निर्णय होगा।
बीपीएड डिग्रीधारी उच्च प्राइमरी स्कूलों में शारीरिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद भी उन्हें शिक्षक बनने के लिए पात्र मानता है, इसके बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग उनकी मांगों पर विचार नहीं कर रहा है। इस संबंध में हाईकोर्ट में भी मामला विचाराधीन है। मुख्य सचिव ने बुधवार को बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, वित्त विभाग की बैठक बुलाई थी। इसमें विचार-विमर्श के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग ने बताया कि प्रदेश में मौजूदा समय 45,749 उच्च प्राइमरी स्कूल हैं। मांग के अनुसार प्रत्येक उच्च प्राइमरी स्कूल में एक बीपीएड वाले को शारीरिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति चाहिए। इस हिसाब से देखा जाए तो प्रत्येक उच्च प्राइमरी स्कूल में एक शारीरिक शिक्षक का पद सृजन कराना होगा। पद के हिसाब से राज्य सरकार को वेतन के लिए बजट की व्यवस्था करनी होगी। एक अनुमान के मुताबिक बीपीएड वालों को सभी उच्च प्राइमरी स्कूलों में शारीरिक शिक्षक बनाया जाता है तो सालना करीब 1800 करोड़ रुपये बजट की व्यवस्था करनी होगी। मुख्य सचिव की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो सका है। मामले पर अंतिम निर्णय लेने के लिए पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को दी जाएगी।
बीपीएड डिग्रीधारी उच्च प्राइमरी स्कूलों में शारीरिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद भी उन्हें शिक्षक बनने के लिए पात्र मानता है, इसके बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग उनकी मांगों पर विचार नहीं कर रहा है। इस संबंध में हाईकोर्ट में भी मामला विचाराधीन है। मुख्य सचिव ने बुधवार को बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, वित्त विभाग की बैठक बुलाई थी। इसमें विचार-विमर्श के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग ने बताया कि प्रदेश में मौजूदा समय 45,749 उच्च प्राइमरी स्कूल हैं। मांग के अनुसार प्रत्येक उच्च प्राइमरी स्कूल में एक बीपीएड वाले को शारीरिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति चाहिए। इस हिसाब से देखा जाए तो प्रत्येक उच्च प्राइमरी स्कूल में एक शारीरिक शिक्षक का पद सृजन कराना होगा। पद के हिसाब से राज्य सरकार को वेतन के लिए बजट की व्यवस्था करनी होगी। एक अनुमान के मुताबिक बीपीएड वालों को सभी उच्च प्राइमरी स्कूलों में शारीरिक शिक्षक बनाया जाता है तो सालना करीब 1800 करोड़ रुपये बजट की व्यवस्था करनी होगी। मुख्य सचिव की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो सका है। मामले पर अंतिम निर्णय लेने के लिए पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को दी जाएगी।
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