Wednesday, 29 July 2015

UPTET Latest News: Teacher will not become a BSA

राजकीय विद्यालयों के शिक्षक
 नहीं बन पाएंगे बीएसए 


लखनऊ : राजकीय शिक्षक और प्रधानाचार्य बीएसए व डीआईओएस नहीं बन सकेंगे। सरकार ने शिक्षा विभाग में तीन अलग कैडर बना दिए हैं। शैक्षिक, प्रशिक्षण और प्रशासनिक संवर्ग अलग-अलग कर दिए गए हैं। राजकीय शिक्षकों को प्रधानाचार्य के पद पर पहुंचने में भी नौकरी भर का इंतजार करना पड़ेगा। उसके लिए भी अनुभव की सीमा बढ़ाकर पांच गुनी कर दी गई है।

अभी तक राजकीय इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्य प्रमोट होकर बीएसए या अन्य प्रशासनिक पदों तक पहुंच जाते थे। शिक्षक भी तीन साल हेड मास्टर रहने के बाद प्रधानाचार्य बन जाते थे। अब नए शासनादेश के मुताबिक बीएसए से लेकर निदेशक तक अलग कैडर कर दिया गया है। बीएसए के 50 प्रतिशत पद यूपीएससी से सीधी भर्ती के जरिए और 50 प्रतिशत खंड शिक्षा अधिकारी से प्रमोट होकर ही भरे जाएंगे। वहीं, डीआईओएस के पद बीएसए से प्रमोट होने पर ही भरे जाएंगे। शैक्षिक संवर्ग में राजकीय इंटर कॉलेज के उप प्रधानाचार्य और हाईस्कूल के प्रधानाचार्य के पद तो वर्तमान व्यवस्था के अनुसार ही भरे जाएंगे। लेकिन राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य के 50 प्रतिशत पद लोक सेवा आयोग की सीधी भर्ती से और 50 प्रतिशत पद प्रमोशन से भरे जाएंगे लेकिन इसके लिए 15 साल तक हाईस्कूल का प्रधानाचार्य अथवा इंटर का उप प्रधानाचार्य रहना जरूरी होगा।

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