Thursday 2 October 2014

Uptet News: BTC teachers not getting salaries

शिक्षक तो बन गए लेकिन वेतन नहीं मिल रहा

प्रदेश के 58 हजार शिक्षा मित्रों को शिक्षक का दर्जा तो मिल गया लेकिन वेतन फंस गया है। वे दो महीने से सहायक अध्यापक के तौर पर स्कूलों में पढ़ा तो रहे हैं लेकिन वेतन जारी नहीं हुआ। इसकी वजह है कि ज्यादातर जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारी अभी तक उनके दस्तावेजों की जांच नहीं करवा सके हैं। सरकार ने प्रदेश के 1,72,000 शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने का निर्णय लिया था। पहले चरण में 58 हजार शिक्षकों को अगस्त में ही नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिए गए। वे अब शिक्षक के तौर पर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। दो महीने बीतने के बाद भी उन्हें वेतन नहीं मिला है। दरअसल, इनकी नियुक्त जिला स्तर पर हुई है। ऐसे में नियुक्ति के बाद मूल दस्तावेजों की जांच कराने का जिम्मा बेसिक शिक्षा अधिकारियों का था। एक-दो जिलों को छोड़कर बाकी में अभी तक दस्तावेजों की जांच नहीं हो सकी है। जांच पूरी न होने की वजह से उनका वेतन भी अभी तक जारी नहीं किया गया। शिक्षा मित्रों का कहना है कि दस्तावेजों की जांच के बाद यदि वे गलत पाए जाते हैं तो उसके लिए खुद जिम्मेदार हैं। ऐसे में वेतन रोकने की जरूरत नहीं होती। किसी भी नौकरी में जांच का चलता रहता है लेकिन वेतन नहीं रोका जाता। वेतन जारी कर दिया जाता है क्योंकि संबंधित विश्वविद्यालयों से दस्तावेजों की जांच कराने में लंबा समय लग जाता है।

चार को करेंगे प्रदर्शन

शिक्षा मित्र शिक्षक कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार वर्मा का कहना है कि दस्तावेजों की जांच के लिए वेतन रोकना गलत है। शिक्षक बनने के बाद तो उनके लिए परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा है कि वे इसके विरोध में चार अक्टूबर को सभी जिलों में डीएम कार्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने 58 हजार शिक्षकों का वेतन जारी करने के साथ ही दूसरे बैच में प्रशिक्षण पा रहे 22 हजार शिक्षा मित्रों की परीक्षाएं ने की भी मांग की है। इसके लिए भी 15 अक्टूबर को सचिव परीक्षा नियामक का घेराव किया जाएगा। उनका कहना है कि पूरे प्रदेश में प्रदर्शन की रणनीित बनाई गई है। उनका कहना है कि अधिकारियों की गलती का खामियाजा उन लोगों भगुतना पड़ रहा है

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