प्राइमरी शिक्षकों को सरकारी वेतन
सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों से सम्बद्ध प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को भी सरकारी वेतन मिलेगा। इस संबंध में पहले स्कूलों का निरीक्षण कर शिक्षकों की संख्या तय की जाएगी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव एचएल गुप्त ने आदेश जारी कर दिया है। प्रदेश के 9 स्कूलों के शिक्षकों ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी कि उन्हें सरकारी वेतन क्यों नहीं मिल रहा है जबकि उन्हीं के स्कूल के जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक सरकारी वेतन पाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया। अभी आदेश फिलहाल इन्हीं स्कूलों पर लागू होगा लेकिन इसमें जैसे-जैसे स्कूल अपना दावा पेश करेंगे वैसे-वैसे उन्हें अनुदान सूची पर लिया जाएगा। अनुदान सूची यानी शिक्षकों का वेतन सरकार देगी। प्रदेश में लगभग 1200 जूनियर हाईस्कूल ऐसे हैं जिन्हें सरकार सहायता दे रही है लेकिन ज्यादातर स्कूलों के प्राइमरी वर्ग को अनुदान सूची पर नहीं लिया गया है क्योंकि जूनियर हाईस्कूल को अनुदान सूची पर माध्यमिक शिक्षा विभाग लेता है वहीं सम्बद्ध प्राइमरी बेसिक शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है। बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव एचएल गुप्त ने बेसिक शिक्षा अधिकारी और खण्ड शिक्षा अधिकारी को टीम बना कर एक ही स्कूल का तीन बार निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। तीनों बार विद्यार्थियों की उपस्थिति का औसत निकाल कर छात्र संख्या निर्धारित की जाएगी। वहीं 60 विद्यार्थियों पर दो, 61-90 तक तीन, 91 से 120 तक चार, 121 से 200 तक चार शिक्षकों का वेतन दिया जाएगा। इन स्कूलों में प्राचार्य और शिक्षणोत्तर कर्मचारी का वेतन सरकार नहीं देगी। हालांकि, केवल वही शिक्षक सरकारी वेतन के हकदार होंगे जिनकी नियुक्ति व शैक्षिक योग्यता 1975 की नियमावली के अनुरूप होगी।
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