परीक्षा रद्द कराने जाएंगे हाईकोर्ट
इलाहाबाद:सूबे के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में असिस्टेन्ट प्रोफेसर (प्रवक्ता) के 1652 पदों के लिए हुई लिखित परीक्षा निरस्त कराने के लिए प्रतियोगी हाईकोर्ट जाएंगे। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की बैठक में इस भर्ती के खिलाफ याचिका दायर करने का निर्णय लिया गया। दस फरवरी के बाद याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट से परीक्षा रद्द कर फिर से कराने की मांग की जाएगी।प्रतियोगियों ने अपने अधिवक्ता आलोक मिश्र और अभिषेक मिश्र को जरूरी कागजात उपलब्ध करा दिए हैं। इस मांग के पीछे प्रतियोगियों के तीन मुख्य तर्क हैं।
अव्वल तो यह है कि दिसंबर 2014 से मार्च 2015 तक चार चरणों में लिखित परीक्षा कराने वाले उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के तीन सदस्य अयोग्य थे। इस कारण हाईकोर्ट ने सितंबर 2015 में इनकी नियुक्ति को रद्द कर दिया था। प्रतियोगी भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप भी लगा रहे हैं। इस तर्क के साथ की आयोग के अध्यक्ष नियुक्त किए गए सेवानिवृत आईएएस अफसर लाल बिहारी पांडेय जब रिजल्ट तैयार करा रहे थे तो उन्हें आयोग के सदस्यों और अफसरों के रिश्तेदारों की कॉपियां मिली थीं। तीसरा तर्क यह है कि रिजल्ट तैयार करने वाले अध्यक्ष की नियुक्ति को भी हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था।वह सपा सरकार की ओर से तैनात किए गए थे। लिहाजा उनके द्वारा तैयार करवाए गए रिजल्ट पर कत्तई विश्वास नहीं किया जा सकता है। प्रतियोगियों की मांग है कि आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति करने के बाद नए सिरे से परीक्षा कराई जाए।
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