शिक्षकों के प्रमोशन से रोक हटी
इलाहाबाद : शिक्षकों की गुजरे साल की कसक नए साल में पूरी होने जा रही है। माध्यमिक शिक्षकों के प्रमोशन पर एक साल से लगी रोक हट गई है। इससे उनका प्रधानाचार्य बनना तय हो गया है। शासन का निर्देश मिलने के बाद प्रदेश भर के संयुक्त शिक्षा निदेशकों से गोपनीय आख्या मांगी गई है। सारी रिपोर्टे आने के बाद पदोन्नति आदेश जारी किए जाने की तैयारी है।
प्रदेश के राजकीय कालेजों के माध्यमिक शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया बीते वर्ष 19 दिसंबर 2014 को शुरू हुई थी। सभी मंडलों से गोपनीय आख्या तलब की गई थी, इसमें तीन मार्च 2015 तक रिपोर्ट भेजना था, लेकिन 13 जनवरी 2015 को शिक्षा निदेशालय की ओर से पत्र जारी करके प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी। उसमें एलटी ग्रेड शिक्षकों एवं प्रवक्ताओं की दस वर्ष 2004-05 से 2014-15 तक की गोपनीय आख्या मांगी गई थी। एक साल के ऊहापोह के बाद आखिरकार अब शासन फिर से रुकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर सहमत हो गया है और इस संबंध में निर्देश भी जारी किया है।
अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक रमेश ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को निर्देश दिया है कि वह एक सप्ताह में रिपोर्ट भेजें। इसमें यह भी कहा गया है कि जिन शिक्षकों की पूर्व में 2013-14 तक गोपनीय आख्या भेजी जा चुकी है उनकी वर्ष 2014-15 तथा शेष की आख्या प्रेषित करें। इसके अलावा अन्य शिक्षकों की 2005-06 से 2014-15 तक आख्या प्राथमिकता की आधार पर भेजनी है। इसके बाद ही प्रमोशन किए जाएंगे और लाभ पाने वालों को प्रधानाचार्य का पद मिलना है। 1हर संवर्ग की अलग वरिष्ठता : माध्यमिक शिक्षकों में हर संवर्ग की अलग वरिष्ठता है। राजकीय कालेजों के शिक्षक एलटी ग्रेड एवं प्रवक्ता की सूची अलग-अलग बनती है। एलटी ग्रेड के शिक्षक प्रमोशन पर प्रवक्ता नहीं होते बल्कि वह भी प्रवक्ताओं की तरह की प्रमोशन लेकर सीधे प्रधानाचार्य बनते हैं। 1 इतना ही नहीं महिला एवं पुरुष का भी अलग-अलग संवर्ग है। पिछले साल जब प्रक्रिया शुरू हुई थी तब एलटी ग्रेड के 149 शिक्षक एवं प्रवक्ता के 228 दावेदार सामने आए थे। उनमें से एलटी ग्रेड के 20 एवं प्रवक्ता के चार शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए हैं। इतना ही नहीं अब एक साल बाद से वरिष्ठता बननी है। ऐसे में कई नए शिक्षकों को भी मौका मिलेगा|
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