इलाहाबाद : सब कुछ ठीक ठाक रहा तो प्राथमिक शिक्षकों के तबादले आगामी फरवरी व मार्च माह में होंगे। बेसिक शिक्षा परिषद इसका खाका खींचने में जुटा है और लगभग यह तय है कि नया शैक्षिक सत्र शुरू होने से पहले सारे फेरबदल पूरे कर लिए जाएंगे। सूबाई सरकार भी चुनावी वर्ष में शिक्षकों को मनचाही तैनाती देने में शायद कोई अड़ंगा नहीं डालेगी। शिक्षा मित्रों की बहाली होने के बाद से परिषद तबादलों को लेकर पूरे इत्मीनान में है। पंचायत चुनाव का शोर थमते ही बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में तबादलों की आहट सुनाई देने लगी है। अटकी तबादले की प्रक्रिया को शुरू करने की मांग जोर पकड़ रही है साथ ही शिक्षक गुजरे साल में जिले के अंदर होने वाले तबादलों की नीति में संशोधन चाहते हैं।
उनका कहना है कि इसे अंतरजनपदीय भी किया जाए। हालांकि बेसिक शिक्षा के आला अफसर बदलने से यह प्रक्रिया फिलहाल लंबित ही रहेगी, लेकिन माना जा रहा है कि फरवरी और मार्च में तबादले किए जाएंगे। ज्ञात हो कि बीते सितंबर माह में जिले के अंदर तबादला करने पर शासन ने मुहर लगा दी थी और यह प्रक्रिया पूरी होने वाली थी, तभी पंचायत चुनाव के नाम पर उसे रोक दिया गया था। दरअसल उस समय इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों की नियुक्ति रद कर दी थी, इससे स्कूलों में शिक्षकों का संकट खड़ा हो गया था। यह प्रकरण भी तबादलों के आड़े आया। इस समय पंचायत चुनाव खत्म हो चुके हैं और शिक्षामित्रों के प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। ऐसे में अब शिक्षकों की तबादले की प्रक्रिया शुरू करने में सिर्फ शासन के अनुमोदन का ही इंतजार है। पिछले रिकॉर्ड को देखे तो हर बार शैक्षिक सत्र के मध्य में ही तबादले होते रहे हैं, इससे स्कूलों में महीनों पठन-पाठन बाधित रहता था। इस बार सत्र शुरू होने से पहले ही तबादले करने की तैयारी है। इसी बीच तबादला नीति बनाने पर भी मंथन हो रहा है। इसमें शिक्षकों की राय है कि तबादलों का वर्ष तय होने के बजाए हर साल महीना तय होना चाहिए। यह मियाद सत्र शुरू होने से पहले या फिर गर्मियों की छुट्टियां हो सकती हैं। आम तौर पर यह भी देखा गया है कि अधिकांश शिक्षक अपने ही जिले में तैनाती पाने के बाद वह गैर जिले या फिर अन्य ब्लाकों में जाने को उत्सुक नहीं होते। इसलिए तबादलों का हौव्वा अफसर ही खड़ा कर रहे हैं।
ऑनलाइन आवेदन लेने की तैयारी : प्राथमिक शिक्षकों के तबादले में बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर ही आवेदन लेने की तैयारी है। इसमें कार्य समयबद्ध एवं पारदर्शी होगा। साथ ही जहां तबादला होना है वहां जगह है या नहीं, यह भी तबादला चाहने वाले एवं स्थानांतरण करने वाले दोनों को स्पष्ट दिखेगा। इसमें शिक्षकों से ऑप्शन भी मांगे जाएंगे।
उनका कहना है कि इसे अंतरजनपदीय भी किया जाए। हालांकि बेसिक शिक्षा के आला अफसर बदलने से यह प्रक्रिया फिलहाल लंबित ही रहेगी, लेकिन माना जा रहा है कि फरवरी और मार्च में तबादले किए जाएंगे। ज्ञात हो कि बीते सितंबर माह में जिले के अंदर तबादला करने पर शासन ने मुहर लगा दी थी और यह प्रक्रिया पूरी होने वाली थी, तभी पंचायत चुनाव के नाम पर उसे रोक दिया गया था। दरअसल उस समय इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों की नियुक्ति रद कर दी थी, इससे स्कूलों में शिक्षकों का संकट खड़ा हो गया था। यह प्रकरण भी तबादलों के आड़े आया। इस समय पंचायत चुनाव खत्म हो चुके हैं और शिक्षामित्रों के प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। ऐसे में अब शिक्षकों की तबादले की प्रक्रिया शुरू करने में सिर्फ शासन के अनुमोदन का ही इंतजार है। पिछले रिकॉर्ड को देखे तो हर बार शैक्षिक सत्र के मध्य में ही तबादले होते रहे हैं, इससे स्कूलों में महीनों पठन-पाठन बाधित रहता था। इस बार सत्र शुरू होने से पहले ही तबादले करने की तैयारी है। इसी बीच तबादला नीति बनाने पर भी मंथन हो रहा है। इसमें शिक्षकों की राय है कि तबादलों का वर्ष तय होने के बजाए हर साल महीना तय होना चाहिए। यह मियाद सत्र शुरू होने से पहले या फिर गर्मियों की छुट्टियां हो सकती हैं। आम तौर पर यह भी देखा गया है कि अधिकांश शिक्षक अपने ही जिले में तैनाती पाने के बाद वह गैर जिले या फिर अन्य ब्लाकों में जाने को उत्सुक नहीं होते। इसलिए तबादलों का हौव्वा अफसर ही खड़ा कर रहे हैं।
ऑनलाइन आवेदन लेने की तैयारी : प्राथमिक शिक्षकों के तबादले में बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर ही आवेदन लेने की तैयारी है। इसमें कार्य समयबद्ध एवं पारदर्शी होगा। साथ ही जहां तबादला होना है वहां जगह है या नहीं, यह भी तबादला चाहने वाले एवं स्थानांतरण करने वाले दोनों को स्पष्ट दिखेगा। इसमें शिक्षकों से ऑप्शन भी मांगे जाएंगे।
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