कम समय में टीईटी की करें अच्छी तैयारी,वैकल्पिक विषय से बनेगी मेरिट
टीईटी परीक्षा में मेरिट बनाने के लिए अभ्यर्थियों को वैकल्पिक विषय पर ध्यान देना होगा। उसके साथ ही हिंदी, अंग्रेजी व बाल मनोविज्ञान विषय पर भी मजबूती से पकड़ बनानी होगी। कोचिंग एक्सपर्ट की मानें तो जिन अभ्यर्थियों का वैकल्पिक विषय तैयार है, वे अच्छे अंक प्राप्त कर मेरिट बना लेते हैं। अधिकांश अभ्यर्थी इस विषय में ही कम अंक पाते हैं। जिससे वह कम नंबर हासिल कर पाते हैं। इस वजह से उनकी मेरिट लो हो जाती है।
प्राथमिक व जूनियर शिक्षक पात्रता परीक्षा दो फरवरी को होनी है। परीक्षा में शामिल होने के लिए लाखों
अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। अभ्यर्थी आवेदन करने के बाद से तैयारी में जुटे हैं। परीक्षा में नैया पार लगाने के लिए अभ्यर्थी कोचिंग का भी सहारा ले रहे हैं। कोचिंग एक्सपर्टों का कहना है कि छात्र-छात्राएं कम समय में टीईटी परीक्षा में अच्छे अंक हासिल कर सकते हैं। जिससे उनकी हाई मेरिट बन सकती है। सबसे पहले उन्हें अपने वैकल्पिक विषय पर अच्छी पकड़ बनानी होगी। उसके बाद अन्य विषयों पर भी थोड़ा ध्यान देना होगा। बताया कि परीक्षा में 60 अंक के वैकल्पिक विषय के प्रश्न पूछे जाते हैं। विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए उनके विषय से संबंधित प्रश्न पूछ जाते हैं। जबकि कला वर्ग के अभ्यर्थियों से उनके विषय के। यदि वह अपने विषय पर अच्छी पकड़ बना लेते हैं तो सफलता आसानी से मिल सकती है। जबकि अंग्रेजी, हिंदी व बाल मनोविज्ञान विषयों से महज 30 नंबर के ही प्रश्न पूछे जाते हैं।
अंग्रेजी को न करें इग्नोर
शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने वाले अधिकांश अभ्यर्थी अंग्रेजी के बजाय संस्कृत विषय को चयन करते हैं। हालांकि अंग्रेजी विषय में भी संस्कृत विषय की तरह अच्छे अंक मिल सकते हैं। बशर्ते उसको इग्नोर न किया जाए। एक्सपर्टों का कहना है कि अंग्रेजी में कंप्रिहेंशन व ग्रामर के प्रश्न शामिल होते हैं। साथ ही अंग्रेजी भाषा के प्रश्न। इसके लिए अंग्रेजी पेपर के अध्ययन के साथ ग्रामर पर ध्यान देने की जरूरत है। जिससे उनकी अंग्रेजी विषय में समझ बढ़ेगी व अच्छे प्राप्त हो सकेंगे।
सरल प्रश्नों को पहले करें हल
एक्सपर्टों का कहना है कि परीक्षा देते समय जो प्रश्न सरलता से हल हो जाएं, उन्हें पहले हल करने की कोशिश करें। उसके बाद अन्य प्रश्नों पर ध्यान दें। कठिन प्रश्नों में उलझकर अभ्यर्थी समय नष्ट कर देते हैं। जिससे आते हुए प्रश्न भी वह भूल जाते हैं।
एक्सपर्टों का कहना है कि परीक्षा देते समय जो प्रश्न सरलता से हल हो जाएं, उन्हें पहले हल करने की कोशिश करें। उसके बाद अन्य प्रश्नों पर ध्यान दें। कठिन प्रश्नों में उलझकर अभ्यर्थी समय नष्ट कर देते हैं। जिससे आते हुए प्रश्न भी वह भूल जाते हैं।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.