बिना अर्हता टीईटी पास के चयन को चुनौती
इलाहाबाद। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित-विज्ञान के 29334 सहायक अध्यापकों के चयन में अपात्रों को नियुक्ति देेने का आरोप है। इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। रमेश चंद्र द्वारा दाखिल याचिका में आरोप है कि टीईटी 2011 में ऐसे अभ्यर्थियों को चयनित किया गया है जो इसमें शामिल होने की अर्हता नहीं रखते हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग से जवाब मांगा है।
याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक चार अक्तूबर 2011 को जारी शासनादेश के मुताबिक टीईटी 2011 में वही लोग शामिल हो सकते थे जिनके पास बीटीसी दो वर्षीय पाठ्यक्रम की डिग्री हो या जो दो वर्षीय बीटीसी पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष हों या अंतिम वर्ष की फाइनल परीक्षा दे चुके हैं। मगर इसमें ऐसे लोगों को भी परीक्षा देने की अनुमति दी गई जो परीक्षा के समय बीटीसी प्रथम वर्ष में पढ़ रहे थे। टीईटी 2011 में आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 अक्तूबर 2011 थी जबकि इन अभ्यर्थियोें का प्रथम वर्ष का परीक्षा परिणाम 30 नवंबर 2011 को घोषित किया गया।
ऐसे टीईटी पास कई लोगों को गणित-विज्ञान सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति भी दी गई है। कोर्ट ने इन तथ्यों का संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार से पूछा है कि किस प्रकार से प्रथम वर्ष में पढ़ रहे अभ्यर्थियोें को परीक्षा में शामिल करने की अनुमति दी गई
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