शिक्षक भर्ती में लगाए फर्जी अंकपत्र
इलाहाबाद: प्राइमरी स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में कई अभ्यर्थियों ने टीईटी-11 के फर्जी अंकपत्र लगा दिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने प्रत्यावेदन लिए तो कई मामले पकड़ में आए। सचिव ने उन अभ्यर्थियों से 16 नवम्बर तक प्रत्यावेदन मांगे थे जिन्हें कटऑफ से अधिक नंबर होने के बावजूद भर्ती में शामिल नहीं किया गया।76 हजार अभ्यर्थियों ने प्रत्यावेदन दिए थे लेकिन इनमें से 12 हजार शिकायतें ऐसी मिलीं जिसमें कटऑफ से अधिक अंक के
बावजूद भर्ती में शामिल नहीं किया गया। एससीईआरटी से डाटा मंगाकर जब मिलान कराया गया तो कई अभ्यर्थियों के टीईटी-11 के अंकों में अंतर सामने आया।एक अभ्यर्थी का नाम, रोल नंबर आदि सूचनाएं तो समान हैं लेकिन दो अलग-अलग जिलों में एक जगह टीईटी-11 में 110 नंबर है जबकि दूसरे में 114 है। ऐसा फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई की तैयारी है। ये रिकार्ड सुप्रीम कोर्ट के सामने भी रखा जाएगा। सचिव संजय सिन्हा ने कई अभ्यर्थियों के टीईटी के अंकों में अंतर की बात स्वीकार की है।
सरकारी नौकरी के लालच में बन बैठे गुनहगार
इलाहाबाद। राजकीय विद्यालयों में टीचर की नौकरी पाने की लालच में सैकड़ों बेरोजगार गुनहगार बन बैठे। 6645 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में फर्जी दस्तावेज लगाने पर 461 के खिलाफ विभिन्न जिलों में केस दर्ज कराया जा चुका है। 18 मंडलों में अब तक 1456 शिक्षकों ने ज्वाइन किया है। इनमें 569 महिला व 887 पुरुष हैं। 6645 में से कला के 490 और व्यायाम शिक्षकों के 205 पद विज्ञापित होने के बावजूद नहीं भरे जा सके हैं।
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