वित्तविहीन शिक्षकों को अप्रैल से मिलेगा 10 हजार मानदेय
इलाहाबाद (एसएनबी)। प्रदेश के करीब चार लाख माध्यमिक कालेज के वित्तविहीन शिक्षक-शिक्षिकाओं के दिन बहुरने जा रहे हैं। मानदेय मिलने की उम्मीद बढ़ गयी है। वित्तविहीन इन टीचरों को लग रहा है कि वर्ष2016 उनकी जिन्दगी की बेहतरी के लिए खास सौगात लेकर आएगा। प्रदेश सरकार ने उन्हें मानदेय दिये जाने की तैयारियां शुरू कर दी है। मार्च-2016 में पास होने वाले बजट में मानदेय की मंजूरी मिलेगी और अप्रैल से मानदेय मिलना शुरूहो जायेगा। प्रदेश के वित्तविहीन माध्यमिक कालेजों में करीब चार लाख शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं।इन्हें प्रबंधतंत्र की ओर से नाममात्रका वेतन मिलता है। यह वेतन इतना कम कि परिवार का गुजर होना मुश्किल होता है। ऊपर से इन शिक्षक-शिक्षिकाओं से प्रबंधतंत्र द्वारा पढ़ाईके अलावा अन्य कार्यभी करवाए जाते हैं।
अगर किसी ने खिलाफत करने की जुर्रत की तो उसे नौकरी से ही अक्सर हाथ धोना पड़ जाता है। इससे ऐसे शिक्षक-शिक्षिकाएं कुछ भी बोल नहीं पाते हैं। लेकिन यह सब चलता तो भी कब तक। ऐसे टीचर एकजुट हुए और संगठन बनाकर उन्होंने प्रदेश सरकार से मानदेय सहित अन्य मांगों को लेकर संघर्षशुरूकर दिया।यह संघर्षजिला स्तर से लेकर मण्डल स्तर, शिक्षा निदेशालय और शासन तक कईसालों तक चला। वर्ष2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान सपा ने अपने घोषणा पत्र में जिक्र किया था कि अगर उसकी प्रदेश में सरकार बनती है तो वित्तविहीन शिक्षक-शिक्षिकाओं को मानदेय दिया जायेगा।प्रदेश में सपा की पूर्णबहुमत में सरकार बनी लेकिन वित्तविहीन शिक्षक-शिक्षिकाओं के मानदेय सहित अन्य मांगों को साढ़े तीन वर्षबीत जाने पर भी मंजूरी नहीं मिल सकी। लेकिन अब सूबे की सरकार ने इन शिक्षकों को अप्रैल-2016 से मानेदय देने का निर्णय लिया है। पक्की खबर है कि इसके लिए बजट में मार्च-2016 को धनराशि की मंजूरी दी जायेगी। सरकार के इस निर्णय से करीब चार लाख वित्तविहीन शिक्षक-शिक्षिकाओं के घर-परिवार में जल्दी ही खुशियां फै लने की उम्मीद है।
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