मेरिट की बजाय लिखित परीक्षा बनेगी चयन का आधार
लखनऊ। राजकीय विद्यालयों में स्नातक वेतनमान के शिक्षकों की भर्ती के लिए नियमावली में संशोधन किया जाएगा। अभी तक लागू व्यवस्था में मेरिट के आधार पर चयन किया जाता है, जिसे बदलकर लिखित परीक्षा को चयन का आधार बनाया जाएगा। इस मामले में उच्चस्तरीय बैठक में सहमति बन चुकी है। जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाए जाने की तैयारी चल रही है।
राजकीय बालिका और बालक इंटर कॉलेजों में मेरिट के आधार पर चल रहीं भर्तियों में जबरदस्त गड़बड़ियां सामने आई हैं। सैकड़ों अभ्यर्थियों ने फर्जी अंकपत्र लगा दिए। यहां बता दें कि पिछले करीब एक वर्ष से राजकीय विद्यालयों में 5940 रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है। इन रिक्त पदों में से महज 1456 पर ही शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराया जा सका है। नियुक्ति पत्र 4646 जारी किए गए, पर एक ही अभ्यर्थी के एक से अधिक जगहों पर आवेदन करने या फिर बड़े पैमाने पर दस्तावेज फर्जी पाए जाने के चलते ज्यादातर पद अभी तक रिक्त ही हैं। इतना ही नहीं फर्जी दस्तावेज लगाने वाले 613 से ज्यादा अभ्यर्थियों के खिलाफ अभी तक विभाग एफआईआर दर्ज करा चुका है।
इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए शासन ने भर्ती प्रक्रिया में बदलाव का फैसला किया है। तय हुआ है कि जिन पदों के लिए मेरिट के आधार पर भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी हो चुका है, उनमें तो वही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। लेकिन, आगे से नौकरी पाने के लिए अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा देने होगी।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.