यूपी में शिक्षकों के कितने पद रिक्त हैं
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि आखिरकार शिक्षकों के कितने पद रिक्त हैं। कोर्ट ने कहा कि स्कूलों में शिक्षक तो होने ही चाहिए।साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उन लोगों के दावों की जांच करने के लिए कमेटी बनाने के लिए कहा है, जिनका कहना है कि सहायक अध्यापक की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित किए गए पैमाने पर खरे उतरने के बावजूद उनकी नियुक्ति नहीं हुई है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने बेसिक एजूकेशन, इलाहाबाद को कमेटी का गठन कर तीन हफ्ते के भीतर दावों की जांच करने के लिए कहा है।
पीठ ने राज्य सरकार को कमेटी की जांच रिपोर्ट को वेबसाइट पर डालने को कहा है। मालूम हो कि गत वर्ष 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सामान्य वर्ग में टीईटी में 70 फीसदी अंक और आरक्षित वर्ग में टीईटी में 65 फीसदी अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त किया जाए।इससे पहले राज्य सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल गौरव भाटिया ने पीठ को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत अब तक 43077 लोगों को ट्रेनिंग पूरा करने के बाद नियुक्त किया जा चुका है। करीब 15 हजार लोगों की ट्रेनिंग जारी है और ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उनकी भी नियुक्ति हो जाएगी।
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