फर्जी प्रमाणपत्रों को लेकर शासन सतर्क
लखनऊ : एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर फर्जी प्रमाणपत्रों और अंकपत्रों के पकड़े जाने पर उच्च शिक्षा विभाग ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों को निदेशक माध्यमिक शिक्षा की ओर से भेज जाने वाले प्रमाणपत्रों की जांच प्राथमिकता के आधार पर करने का निर्देश दिया है। विश्वविद्यालयों से प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराकर उन्हें वाहक और ई-मेल के जरिये निदेशक माध्यमिक शिक्षा को अधिकतम 15 दिनों में उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। राजकीय इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड शिक्षक के 6645 पदों पर भर्ती चल रही है। भर्ती के लिए मेरिट सूची अभ्यर्थियों के शैक्षिक अभिलेखों में दर्ज अंकों
से निकाले गए गुणांक के आधार पर की जाती है। अब तक लगभग डेढ़ हजार अभ्यर्थियों की भर्ती हो चुकी है। अब तक हुई काउंसिलिंग में विभिन्न मंडलों में तकरीबन पांच सौ अभ्यर्थियों द्वारा उपलब्ध कराए गए शैक्षिक प्रमाणपत्र जांच में फर्जी पाए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से ऐसे अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करायी गई है। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए अभी काउंसिलिंग होनी है। इन परिस्थितियों में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा जितेंद्र कुमार की ओर से सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को शासनादेश जारी कर कहा गया है कि वे काउंसिलिंग में उपलब्ध कराये गए शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच करें जिन्हें निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने संबंधित विश्वविद्यालयों को सत्यापन के लिए भेजा हो।
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