शिक्षा मित्र भी हाईकोर्ट के खिलाफ खट-खटाएंगे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
लखनऊ। राज्य सरकार हाईकोर्ट इलाहाबाद के आदेश के खिलाफ शिक्षा मित्रों के मामले में सोमवार को विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) दाखिल कर सकती है। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डिंपल वर्मा स्वयं इसकी तैयारियों के लिए दिल्ली गई हुई हैं। उधर, शिक्षा मित्र भी हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट-खटाने की तैयारी में लगे हुए हैं। शिक्षा मित्र सुप्रीम कोर्ट में कोई बड़ा वकील करेंगे और हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देंगे।
राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में तर्क देगी कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुमति लेने के बाद शिक्षा मित्रों को दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण दिया गया। शिक्षा का
अधिकार अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर नियमावली संशोधित करते हुए शिक्षा मित्रों को टीईटी से छूट देते हुए सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया। इसके बाद भी एनसीटीई ने इसे गलत बताते हुए हाईकोर्ट में रिपोर्ट दिया। इसके चलते शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर किया गया समायोजन रद्द कर दिया गया।राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में तर्क देगी कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुमति लेने के बाद शिक्षा मित्रों को दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण दिया गया। शिक्षा का
राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में यह भी तर्क रखेगी कि उत्तराखंड व महाराष्ट्र में शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण देकर बिना टीईटी सहायक अध्यापक बनाया गया है। एनसीटीई को जब वहां कोई आपत्ति नहीं है, तो यूपी के मामले में क्यों। उधर, शिक्षा मित्र भी सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। शिक्षा मित्रों के नेता अनिल यादव का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में पूरा पक्ष रखा जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित होने वाले शिक्षा मित्रों को वेतन देने की मांग राज्य सरकार से की है। उन्होंने कहा है कि वेतन न मिलने की वजह से शिक्षा मित्रों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.