हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर शासन ने बीएसए को दिया निर्देश
लखनऊ। राज्य सरकार ने सहायक अध्यापक पद पर समायोजित होने वाले शिक्षा मित्रों को वेतन देने पर रोक लगा दी है। सोमवार को सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किए गए शिक्षा मित्रों का वेतन भुगतान अगले आदेश तक रोक दिया गया है। राज्य सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत शिक्षा मित्रों को दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने का निर्णय किया गया था। इसके आधार पर दो चरणों को मिलाकर 1,35,978 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक बनाया गया।
राज्य सरकार ने इसके लिए नियमावली में संशोधन करते हुए शिक्षा मित्रों को टीईटी से छूट दे दी थी। हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी गई और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने टीईटी से छूट देने को गलत बताया था। हाईकोर्ट ने इसके आधार पर शिक्षा मित्रों का समायोजन अवैध करार देते हुए इसे रद्द कर दिया है।शासन की ओर से सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा दाखिल करने का निर्णय किया है। शासन ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों निर्देशित किया है कि हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर अगले आदेश तक सहायक अध्यापक बनने वाले शिक्षा मित्रों को वेतन नहीं दिया जाएगा।
शिक्षा मित्रों का आज से कार्य बहिष्कार
यूपी दूरस्थ शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने मंगलवार से बेमियादी कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है। हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्रों का समायोजन 12 सितंबर 2015 को रद्द किया है। इसके पहले भी सहायक अध्यापक बनने वाले शिक्षा मित्रों को वेतन नहीं मिला है।
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