मौलिक नियुक्ति के लिए प्रशिक्षु शिक्षकों का बेमियादी धरना
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर मौलिक नियुक्ति की मांग को लेकर सैकड़ों प्रशिक्षु शिक्षकों ने सोमवार को शिक्षा निदेशालय स्थित सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के बाहर बेमियादी धरना शुरू कर दिया। नवंबर 2011 से नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे प्रशिक्षुओं का कहना है कि जब तक मौलिक नियुक्ति का आदेश नहीं हो जाता तब तक धरने से नहीं उठेंगे।
छह महीने का प्रशिक्षण पूरा कर चुके प्रशिक्षुओं की परीक्षा 24 व 25 अगस्त को कराई गई। उसका परिणाम परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने 21 सितम्बर को जारी कर दिया। परीक्षा में सफल 43 हजार से अधिक प्रशिक्षुओं का कहना है कि उन्हें मौलिक नियुक्ति दी जाए। 21 सितम्बर को फाइनल रिजल्ट जारी होने के बाद से वे इलाहाबाद से लेकर लखनऊ तक चक्कर काट रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
छह महीने का प्रशिक्षण पूरा कर चुके प्रशिक्षुओं की परीक्षा 24 व 25 अगस्त को कराई गई। उसका परिणाम परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने 21 सितम्बर को जारी कर दिया। परीक्षा में सफल 43 हजार से अधिक प्रशिक्षुओं का कहना है कि उन्हें मौलिक नियुक्ति दी जाए। 21 सितम्बर को फाइनल रिजल्ट जारी होने के बाद से वे इलाहाबाद से लेकर लखनऊ तक चक्कर काट रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
सचिव संजय सिन्हा ने प्रशिक्षुओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर बताया कि उन्हें नियुक्ति देने के लिए 9 अक्तूबर को पत्र लिखकर शासन से मार्गदर्शन मांगा गया है। जैसे ही शासन का आदेश मिलेगा, वे मौलिक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। हालांकि आश्वासन से असंतुष्ट प्रशिक्षु शिक्षक अनिश्चितकालीन धरने पर यह कहते हुए बैठ गए कि वे तब तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे जब तक उनका नियुक्ति आदेश जारी नहीं हो जाता।
प्रशिक्षुओं ने सचिव कार्यालय के बाहर प्रतिदिन सुबह 10 से 5 बजे तक धरना देने का निर्णय लिया है। सचिव से मुलाकात करने वालों में शिव कुमार पाठक, सुजीत सिंह, विवेकानन्द, शक्ति प्रकाश पाठक, राजेश पांडेय आदि शामिल थे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लगभग 58 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों का चयन हो चुका है।
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