बेसिक के शिक्षकों को तबादला आदेश का इंतजार
इलाहाबाद। प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में तैनात शिक्षकों के तबादले पर रोक लगी हुई है। इससे उनकी निगाहें तबादला के लिए आने वाले आदेश पर टिकी हैं। कभी वह कार्यालय का चक्कर लगाते हैं तो कभी नेट पर आदेश खोज रहे हैं। इधर शासन की मनाही के बावजूद विभागीय अधिकारी संबद्धीकरण का खेल कर रहे हैं।
जिले के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में तैनात शिक्षकों के तबादले का अधिकार बीएसए से छीन लिया गया है। मगर बीएसए के प्रस्ताव पर ही सचिव बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद तबादला करते हैं। चालू शिक्षासत्र में शासन ने शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा रखी है। इधर, जुलाई माह से ही मनचाहे स्कूलों में तैनाती पाने के लिए शिक्षक परेशान हैं। तबादले के लिए शासन से आने वाले आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। तबादला कब होगा, इसके लिए कभी वह बीएसए कार्यालय तो कभी नेट पर सर्च कर रहे हैं। शिक्षकों की परेशानी पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट से भी बढ़ गई है। शिक्षकों को इस बात का भय है कि अगर पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाती है, तो तबादले का आदेश आना मुश्किल है। ऐसी दशा में जनवरी माह के बाद ही तबादला संभव होगा।
इधर शासन ने शिक्षकों के संबद्धीकरण पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी व्यापक स्तर पर खेल कर रहे हैं। बीएसए एसटी हुसैन ने बताया कि उन्हीं स्कूलों में शिक्षकों को संबद्ध किया जा रहा है, जहां शिक्षकों की कमी है। उन्होंने तबादला आदेश आने पर अगला कदम उठाने की बात कही है।
इलाहाबाद। प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में तैनात शिक्षकों के तबादले पर रोक लगी हुई है। इससे उनकी निगाहें तबादला के लिए आने वाले आदेश पर टिकी हैं। कभी वह कार्यालय का चक्कर लगाते हैं तो कभी नेट पर आदेश खोज रहे हैं। इधर शासन की मनाही के बावजूद विभागीय अधिकारी संबद्धीकरण का खेल कर रहे हैं।
जिले के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में तैनात शिक्षकों के तबादले का अधिकार बीएसए से छीन लिया गया है। मगर बीएसए के प्रस्ताव पर ही सचिव बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद तबादला करते हैं। चालू शिक्षासत्र में शासन ने शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा रखी है। इधर, जुलाई माह से ही मनचाहे स्कूलों में तैनाती पाने के लिए शिक्षक परेशान हैं। तबादले के लिए शासन से आने वाले आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। तबादला कब होगा, इसके लिए कभी वह बीएसए कार्यालय तो कभी नेट पर सर्च कर रहे हैं। शिक्षकों की परेशानी पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट से भी बढ़ गई है। शिक्षकों को इस बात का भय है कि अगर पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाती है, तो तबादले का आदेश आना मुश्किल है। ऐसी दशा में जनवरी माह के बाद ही तबादला संभव होगा।
इधर शासन ने शिक्षकों के संबद्धीकरण पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी व्यापक स्तर पर खेल कर रहे हैं। बीएसए एसटी हुसैन ने बताया कि उन्हीं स्कूलों में शिक्षकों को संबद्ध किया जा रहा है, जहां शिक्षकों की कमी है। उन्होंने तबादला आदेश आने पर अगला कदम उठाने की बात कही है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.