22 शिक्षकों की गई नौकरी
बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी ने शनिवार को प्राइमरी के 22 शिक्षकों को पद से हटा दिया। इनमें 18 शिक्षक शिक्षामित्र से शिक्षक पद पर नियुक्ति पाने वाले थे। वहीं चार शिक्षक कस्तूरबा विद्यालय के है। ये नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहे थे। इन्हें कई बार नोटिस दिया गया इसके बावजूद वे उपस्थित नहीं हुए। इस कारण शनिवार को इन्हें पद से हटा दिया गया। जिन 18 शिक्षकों को नौकरी से निकाला गया है उन्हें नियमों के विरुद्ध नियुक्ति दी गई थी। हालांकि इन शिक्षकों को नियुक्ति देने वाले अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। बीएसए ने प्रवीणमणि त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षा मित्र से शिक्षक बनने वाले 18 शिक्षकों ने 2011 में बीटीसी कर 2014 में नियुक्ति पाई है। जबकि यह नियमों के खिलाफ है। बीएसए ने बताया कि शासन ने शिक्षा मित्रों को बीटीसी करने की अनुमति दी थी। लेकिन शासनादेश के मुताबिक वर्ष 2010 तक बीटीसी करने वाले शिक्षामित्रों को ही शिक्षक के पद पर समायोजित करने का आदेश था। जबकि जिन 18 शिक्षकों को हटाया गया है वे वर्ष 2011 में शिक्षामित्र का पद छोड़कर बीटीसी करने गए थे। ऐसे में इनकी नियुक्ति ही नियमों के खिलाफ है। हाल ही में मामला मेरे संज्ञान में आया जिसके बाद शनिवार को इन्हें नौकरी से हटा दिया गया। इसके लिए इन्हें नोटिस भी जारी कर दिया गया है।
इन्हें नौकरी से हटाया
पद से हटाए गए शिक्षकों में आर्यकुमार कमालपुर, मुरली चौधरी रूदानखेड़ा, देवेंद्र प्रताप मौर्या बरवलिया, अनीता मिश्रा मरपा, कप्तान सिंह यादव रायपुर राजा, योगेंद्र पुष्कर आटगढ़ीसौरा, नीतू कुमारी महोना, सतीश कुमार कल्याणपुर, विजय कुमार अकबरपुर, सुषमा गिरि बगहा, फरहा मुसीबतगंज, रजनी कुमारी सेवई, अर्चना रावत समेसी, सुनीता यादव समेसी, प्रियंका गुप्ता समेसी, संदीप पाल उसरना, शोभित श्रीवास्तव अम्बरखेड़ा और पंकज यादव अम्बरखेड़ा शामिल है। वहीं कस्तूरबा विद्यालयों से हटाए जाने वाले शिक्षकों में मधुशील शुक्ला, भाषा, अंजु मिश्रा और पूनम अवस्थी शामिल हैं।
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