गुस्साए प्रशिक्षुओं ने घेरा परीक्षा नियामक दफ्तर
इलाहाबाद : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की मनमानी कार्यशैली पर युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा। तमाम अनुरोध की अनसुनी होने पर प्रशिक्षुओं ने शुक्रवार को उनके कार्यालय का घेराव किया और जोरदार नारेबाजी की। दिनभर धरना-प्रदर्शन का दौर चला। सेमेस्टर परीक्षा कराने के लिखित आश्वासन पर ही युवा माने। प्रदेश भर के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में बीटीसी 2013 बैच के प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण चल रहा है। इस प्रशिक्षण के 11 माह बीत चुके हैं, लेकिन अब तक पहले सेमेस्टर की भी परीक्षा नहीं कराई गई है, बल्कि हर दूसरे-तीसरे महीने में नई सूची जारी करके युवाओं को अब तक प्रवेश दिलाया जा रहा है। सेमेस्टर परीक्षा में देरी से युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो उठे हैं और उन्होंने मिलकर बीटीसी संघर्ष समिति का गठन किया है और उसी के बैनर तले आंदोलन शुरू किया है। युवाओं का कहना है कि 2013 बैच के युवाओं को प्रवेश देना गलत नहीं है, लेकिन जो साथी पहले से प्रशिक्षण ले रहे हैं उनकी परीक्षाएं आदि समय पर ही होनी चाहिए। अन्यथा बाद में उन्हें परीक्षा देने के लिए इंतजार करना होगा। डायट इलाहाबाद के युवाओं ने इकट्ठा होकर नियामक परीक्षा प्राधिकारी के दफ्तर का घेराव किया और दिन भर प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि शिक्षामित्रों की प्रशिक्षण परीक्षा, परिणाम समय पर दिया जा सकता है तो उन लोगों के साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है। प्रशिक्षु परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा साथ ही सेमेस्टर परीक्षा जल्द कराने की मांग की। इस पर श्रीवास्तव ने प्रशिक्षुओं को लिखकर दिया कि पहली सेमेस्टर परीक्षा अप्रैल के प्रथम सप्ताह में और अंतिम सप्ताह में दूसरी सेमेस्टर परीक्षा कराई जाएगी। इस पर युवा शांत हुए।
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