टीईटी के फेर में फंसे 20 हजार बीटीसी पास
इलाहाबाद (एसएनबी)। 20 हजार बीटीसी पास अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए प्रदेश सरकार और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय का चक्कर लगा रहे है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि बीटीसी पास शिक्षकों के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण करने से स्थिति और खराब होती जा रही है क्योंकि शिक्षामित्रों के शिक्षण से स्थिति और खराब हो रही है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब शिक्षामित्रों की नियुक्ति बिना टीईटी पास किए हो रही है तो हम लोगों की नियुक्ति क्यों नहीं हो रही है। आगामी विधान सभा चुनाव-2017 में सपा का विधान सभावार विरोध जमकर करेंगे। उधर, शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि जब इन अभ्यर्थियों ने बीटीसी का दो वर्षीय कोर्स पूरा किया था उस दौरान टीईटी पास होना जरूरी था। बिना टीईटी पास किये इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हो पायेगी। इससे यह अभ्यर्थी परेशान है। 20 हजार बीटीसी पास करने वाले अभ्यर्थी वर्ष-2004 बैच, 2006 बैच, उर्दू बीटीसी, वर्ष 2007 बैच, वर्ष 2008 बैच, सामान्य चयन और विशेष चयन के अभ्यर्थी है। इन लोगों ने बीटीसी का दो वर्षीय प्रशिक्षण वर्ष 2011 में पूरा किया था। इन लोगों का कहना है कि जब प्रशिक्षण पहले से चल रहा था तो नियुक्ति बिना टीईटी के होनी चाहिए थी। टीईटी अब बीटीसी का कोर्स पूरा करने वालों के लिए जरूरी है। अभ्यर्थी प्रभाकर सिंह का कहना है कि शासन की गलत नीतियों से 20 हजार बीटीसी पास अभ्यर्थियों का नुकसान हुआ है। इन लोगों के शिक्षक बनने से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षण में सुधार होता। यह लोग आज तक शिक्षक नहीं बन पाये है। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट गये है लेकिन पैरवी न हो पाने से मामला लंबित है। बीटीसी पास अभ्यर्थियों का कहना है कि जब प्रदेश सरकार बिना टीईटी पास शिक्षामित्रों की नियुक्ति कर सकती है तो बिना टीईटी के बीटीसी पास अभ्यर्थियों की क्यों नियुक्ति नहंी कर सकती है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.