अंतरजनपदीय तबादला नीति लेट, पढ़ाई पर पड़ सकता है असर
प्राइमरी शिक्षकों की अंतरजनपदीय तबादला नीति को मुख्यमंत्री की मंजूरी का इंतजार है। अभी तक तबादला नीति जारी न होने से इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ना तय है। लगातार हो रही देरी की वजह से मई-जून में होने वाले तबादलों में पूरा जुलाई बीतना तय है। इस दौरान शिक्षक और अधकारी तबादलों में व्यस्त हो जाएंगे। इससे स्कूल चलो अभियान, दाखिले और पढ़ाई पर असर पड़ सकता है।
शिक्षकों की तबादला नीति का प्रस्ताव अप्रैल में ही तैयार हो गया था। बेसिक शिक्षा परिषद के इस प्रस्ताव पर पिछले महीने ही बैठक में कुछ संशोधन भी किए गए। खुद बेसिक शिक्षा मंत्री ने भी कहा था कि मई, जून में तबादले होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लगातार हो रही देरी की वजह यह बताई जा रही है कि नए भर्ती हुए टीईटी शिक्षकों और शिक्षा मित्रों को अंतरजनपदीय तबादलों में शामिल किया जाए या नहीं, इस पर फैसला नहीं हो पा रहा है। सत्ताधारी नेताओं पर लगातार दबाव बन रहा है कि नए शिक्षकों को तबादलों का लाभ मिले।
शिक्षकों की तबादला नीति का प्रस्ताव अप्रैल में ही तैयार हो गया था। बेसिक शिक्षा परिषद के इस प्रस्ताव पर पिछले महीने ही बैठक में कुछ संशोधन भी किए गए। खुद बेसिक शिक्षा मंत्री ने भी कहा था कि मई, जून में तबादले होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लगातार हो रही देरी की वजह यह बताई जा रही है कि नए भर्ती हुए टीईटी शिक्षकों और शिक्षा मित्रों को अंतरजनपदीय तबादलों में शामिल किया जाए या नहीं, इस पर फैसला नहीं हो पा रहा है। सत्ताधारी नेताओं पर लगातार दबाव बन रहा है कि नए शिक्षकों को तबादलों का लाभ मिले।
जनपदीय तबादले भी फंसे: अंतरजनपदीय तबादलों के बाद जनपदीय तबादले होने हैं। अंतरजनपदीय तबादला नीति जारी न होने से जनपदीय तबादले भी फंसे हैं। ऐेसे में दोनों तबादलों में जुलाई और अगस्त का समय भी बीत सकता है। ऐसे में दो महीने की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है।
का आदेश जारी किया है। परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने इस बारे में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
दो साल की शर्त घटाने की तैयारी
बेसिक शिक्षा परिषद ने जो प्रस्ताव भेजा था, उसमें यह शर्त रखी गई थी कि तबादले के लिए एक साल का प्रोबेशन और उसके बाद एक साल की नौकरी पूरी होना जरूरी है। इस शर्त के मुताबिक नए भर्ती टीईटी शिक्षक और शिक्षा मित्र तबादला प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे। अधिकारी नहीं चाहते कि नए भर्ती शिक्षकों को तबादला प्रक्रिया में शामिल किया जाए। उन्होंने राय दी है कि ऐसा किया तो सरकार पर तबादलों का दबाव और बढ़ जाएगा, जिसे संभालना मुश्किल होगा। इस बारे में सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि दो साल की नौकरी की शर्त को घटाकर एक साल कर दिया जाए। इनमें नए भर्ती वे शिक्षक आ जाएंगे, जिनका एक साल का प्रोबेशन पूरा हो चुका है
बेसिक शिक्षा परिषद ने जो प्रस्ताव भेजा था, उसमें यह शर्त रखी गई थी कि तबादले के लिए एक साल का प्रोबेशन और उसके बाद एक साल की नौकरी पूरी होना जरूरी है। इस शर्त के मुताबिक नए भर्ती टीईटी शिक्षक और शिक्षा मित्र तबादला प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे। अधिकारी नहीं चाहते कि नए भर्ती शिक्षकों को तबादला प्रक्रिया में शामिल किया जाए। उन्होंने राय दी है कि ऐसा किया तो सरकार पर तबादलों का दबाव और बढ़ जाएगा, जिसे संभालना मुश्किल होगा। इस बारे में सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि दो साल की नौकरी की शर्त को घटाकर एक साल कर दिया जाए। इनमें नए भर्ती वे शिक्षक आ जाएंगे, जिनका एक साल का प्रोबेशन पूरा हो चुका है
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