पद भर जाने के बाद काउंसिलिंग क्यों
इलाहाबाद : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उप्र बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से पूछा है कि पहले राउंड की काउंसिलिंग में शिक्षकों के सभी पदों पर चयन हो जाने के बाद भी काउंसिलिंग जारी रखने का क्या औचित्य है। यह आदेश न्यायमूर्ति डीके अरोड़ा ने विजय सागर आर्या व पांच अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि साइंस व गणित के 29 हजार 334 पदों पर भर्ती के लिए जौनपुर में पहले चरण की काउंसिलिंग में
सभी पदों पर चयन कर लेने के बाद भी आगे काउंसिलिंग जारी रखी गयी और याची अभ्यर्थियों का नाम चयन सूची से हटा दिया गया था। याचियों के अधिवक्ता विभूराय का कहना था कि सभी याचीगण का सहायक अध्यापक पदों पर चयन पहले राउंड की काउंसलिंग में हो गया था। उनके सभी कागजात भी जमा करा लिए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि काउंसिलिंग कर जब सभी सीटों पर चयन हो गया था तो फिर आगे दूसरी, तीसरी, चौथी व पांचवी काउंसिलिंग कराने का बेसिक शिक्षा बोर्ड का औचित्य क्या है। कोर्ट ने स्पष्टीकरण के लिए बोर्ड के सचिव को 18 को तलब किया है तथा निर्देश दिया है कि याचियों का पद सुरक्षित रखा जाए।
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