सभी शिक्षकों को ग्रेच्युटी का लाभ
इलाहाबाद : प्रदेश भर के अशासकीय माध्यमिक स्कूलों के सभी शिक्षकों को ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। वह चाहे पिछले वर्षो में सेवानिवृत्त हो चुके हैं या फिर सेवानिवृत्त होने वाले हैं। विभागीय अफसरों को निर्देश हुए हैं कि रिटायर हो चुके शिक्षकों को भुगतान कराया जाए और जिन्हें रिटायर होना है उनके अभिलेखों का परीक्षण कराकर विकल्प पत्र विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित कराया जाए, ताकि कोई संशय न रहे व अनियमितता का मौका न मिले।
अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु पहले 60 साल थी, तब शिक्षकों को 58 वर्ष पर विकल्प प्रस्तुत करने पर उन्हें राजकीय कर्मचारियों की तरह ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाता था। चार फरवरी 2004 को सरकार ने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 62 साल कर दी। साथ ही यह निर्देश दिया कि 58 वर्ष पर दिया जाने वाला ग्रेच्युटी का लाभ अब 60 वर्ष पर दिया जाएगा। 1इस नीति के तहत शिक्षकों के विकल्प पत्रों को संबंधित विद्यालय प्रबंधक व प्रधानाचार्य, जिला विद्यालय निरीक्षक व मंडलीय उप शिक्षा निदेशक के यहां संरक्षित किया जाना था, लेकिन अनदेखी से विकल्प सही से रखे नहीं जा सके। ऐसे में 60 वर्ष की सेवा पर रिटायर होने वाले शिक्षकों को ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिल सका है। ऐसे शिक्षकों की सूबे में तादाद हजारों में है। 1यह शिक्षक अब न्यायालय में याचिकाएं दाखिल कर रहे हैं। इससे शासन बैकफुट पर है। माध्यमिक शिक्षा के बड़े अफसरों की बैठक में यह तय हुआ कि जो शिक्षक बिना ग्रेच्युटी का लाभ पाए सेवानिवृत्त हो चुके हैं या फिर आगे जिन्हें 60 वर्ष पर सेवानिवृत्ति लेनी है उन सबको हर हाल में लाभ दिलाया जाए। 1माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमरनाथ वर्मा ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, मंडलीय उप शिक्षा निदेशक एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को कड़े निर्देश दिए हैं कि इस आदेश का अनुपालन कराया जाए। जिन्हें आगे रिटायर होना है उनके अभिलेखों की जांच पूरी करके विकल्प पत्र को विभागीय वेबसाइट पर प्रकाशित करें। इसका लाभ हजारों शिक्षकों को मिलना तय हो गया है।
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