शिक्षक भर्ती में समय बढ़ा तो मुकाबला कड़ा
इलाहाबाद:प्रदेश में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती जब शुरू हुई तो तय आवेदकों से अधिक सीटें थीं। जैसे-जैसे यह प्रक्रिया बढ़ी, समय के साथ आवेदक बढ़ते गए। लगातार मुकाबला कड़ा होता गया। इस समय एक पद पर तीन से अधिक दावेदार हैं। कुछ ही दिन में इस भर्ती में दावेदारों की संख्या में बड़ा उछाल आने की उम्मीद है, क्योंकि टीईटी 2015 का परिणाम आने के बाद बड़ी संख्या में युवा दावेदार होने के लिए प्रयासरत होंगे। इससे आवेदन कर चुके युवाओं के साथ ही शिक्षा विभाग के अफसरों के माथे पर बल पड़ना तय है। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया 9 दिसंबर 2014 से चल रही है।
यह भर्ती 13741 अभ्यर्थियों के सापेक्ष शुरू हुई थी। असल में परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव उप्र ने परिषद सचिव को यह रिपोर्ट सौंपी उसी के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। परिषद ने पहली बार बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी, उर्दू बीटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे थे। इसके बाद मिले निर्देशों का अनुपालन निरंतर होता गया। दूसरी बार में केवल डीएड यानी विशेष शिक्षा वाले अभ्यर्थियों को मौका दिया गया। तीसरी बार हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में विशिष्ट बीटीसी 2004, 2007 एवं 2008 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लिए गए। चौथी बार हाईकोर्ट के निर्देश पर अमल के लिए बीएलएड वालों के लिए वेबसाइट खोली गई। यह सिलसिला यही नहीं थमा, बल्कि शासन ने दिसंबर 2015 में फिर वेबसाइट खोलकर एक से 15 जनवरी तक सभी को आवेदन करने का मौका दिया गया। सूत्रों की मानें तो आवेदकों की संख्या पचास हजार पार गई है, लेकिन आवेदन इतने पर ही रुक जाएंगे यह भी तय नहीं है, बल्कि आवेदकों में गुणात्मक वृद्धि होने का अंदेशा है। इसकी वजह टीईटी 2015 का परीक्षा परिणाम है। इसके जारी होने के बाद सफल होने वाले अभ्यर्थियों का मौजूदा शिक्षक भर्तियों में शामिल करने की मांग तेज करना तय माना जा रहा है।
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